हरिद्वार कुम्भ में भीड़ नियंत्रण व संक्रमण की रोकथाम को तैयार प्लान पेश करें राज्य सरकार : हाईकोर्ट
नैनीताल। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि अगले साल हरिद्वार कुंभ में कोरोना संक्रमण की रोकथाम तथा भीड़ नियंत्रण समेत मेला व्यवस्थाओं के लिए क्या प्लान बनाया गया है। साथ ही अतिरिक्त क्या किया जा सकता है। इसकी जानकारी शपथपत्र के साथ दो दिसंबर से पहले अदालत को बताने के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्रवासी श्रमिकों के लिए केंद्र व राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में शपथ पत्र के साथ 23 दिसंबर तक कोर्ट में ब्यौरा देने को कहा है। पर्वतीय इलाकों के स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों के पास उपकरणों की कमी से संबंधित सवाल पर याचिकाकर्ता से पूरा विवरण व समाधान आदि सुझाव के रूप में जिला निगरानी कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है। बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ में कोविड अस्पतालों में सुविधाओं की कमी व क्वारन्टीन सेंटर की बदहाल व्यवस्था को लेकर अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में क्वारन्टीन सेंटरों व कोविड अस्पतालों की बदहाली और उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की मांग की गई है। बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर माना था कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं और सरकार की ओर से वहां पर प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। जिसका संज्ञान लेकर कोर्ट अस्पतालों की नियमित मॉनिटरिंग के लिये जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिलेवार निगरानी कमेटी गठित करने के आदेश देने के साथ ही कमेटियों से सुझाव मांगे थे।
हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर रोक
हरिद्वार। हरिद्वार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए कार्तिक पूर्णिमा स्थान पर रोक लगा दी गई है। जिलाधिकारी रविशंकर ने बताया कि कई राज्यों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। ऐसे में स्नान पर्व से हरिद्वार में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा पैदा होगा। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर रोक लगाई गई है। आपको बता दें कि स्नान के लिए बाहरी राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा स्नान 30 नवंबर को पड़ रहा है। इसी दिन गुरु नानक देव का जन्मदिवस भी होता है। इसलिए बाहरी राज्यों से श्रद्धुलओं के साथ ही सिख श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में हरिद्वार पहुंचते है, लेकिन मौजूदा वक्त में कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में हरिद्वार में भी संक्रमण बढ़ने का खतरा बन जाएगा। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने स्नान पर रोक लगा दी है। वहीं, इस मामले को लेकर पुलिस और श्री गंगा सभा के पदाधिकारियों ने एक बैठक भी की है, जिसमें स्नान पर्व पर हरकी पैड़ी सहित आसपास के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की आवाजाही रोकने की तैयारियों पर चर्चा की गई है। उधर, जिला प्रशासन के कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर रोक लगा दिए जाने से हरिद्वार के व्यापारियों में आक्रोश है। उन्होंने प्रशासन के फैसले का विरोध करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अगर इस तरह के स्नान पर्व को प्रशासन स्थगित करता रहा तो व्यापारी कहां जाएंगे।
भीमगोड़ा खड़खड़ी व्यापार मंडल के महामंत्री गौरव सचदेवा ने कहा कि व्यापारी करोना काल से ही मंदी की मार झेल रहा है। अभी तक प्रशासन सारे पर्वों को स्थगित करता जा रहा है। शासन-प्रशासन की ओर से व्यापारियों को आर्थिक पैकेज नहीं दिया गया है, जिससे व्यापारी आर्थिक तंगी से पूरी तरह से टूट चुका है। श्री गुरु गोरक्षनाथ व्यापार मंडल के महामंत्री विशाल गोस्वामी ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो व्यापारी अपनी रोजी-रोटी कैसे चलाएंगे।