हरिद्वार में बनेगा मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों की देखभाल को घरोंदा
देहरादून। मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों की देखरेख करने के लिए राज्य सरकार जल्द ही हरिद्वार के रोशनाबाद में घरोंदा बनाने जा रही है। केंद्र सरकार के यूनिट ट्रस्ट ओर से पहले घरोंदा बनाने की योजना थी, लेकिन फंड की कमी के कारण ट्रस्ट ने हाथ पीछे खींच लिए। ऐसे में अब गढ़वाल मंडल में हरिद्वार में पहला घरोंदा बनने जा रहा है। इसी साल अंत तक घरोंदा बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। प्रदेश में ऐसे कई मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चे हैं, जिनका कोई सहारा नहीं है। ऐसे में इनके भरण पोषण में दिक्कतें आती हैं। ऐसे दिव्यांग बच्चों की समस्या को देखते हुए उन्हें घरोंदा में रखा जाएगा, जहां उन्हें हर तरह की सुविधाएं मुहैया की जाएगी। पहले चरण में घरोंदे में मानिसक रूप से दिव्यांग 50 बच्चों के रहने की व्यवस्था होगी।
डोईवाला निवासी नव दिव्यांग सेवा संस्थान के अध्यक्ष अजय कुमार ने जुलाई माह में पीएमओ को पत्र लिखकर राजस्थान, हरियाणा सहित अन्य राज्यों की तर्ज पर उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में मानिसक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए घरोंदा बनाने के संबंध में पत्र लिखा था। पीएमओ की ओर से राज्य सरकार को आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। इसके बाद अजय कुमार ने मानवाधिकार आयोग में भी वाद दायर किया था। आयोग ने गढ़वाल और कुमाऊं आयुक्त को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था।
दिव्यांग जन आयुक्त योगेंद्र यादव ने बताया कि घरोंदा बनाने के लिए हरिद्वार के रोशनाबाद में काफी समय से प्रपोजल चल रहा था। केंद्र सरकार की यूनिट ट्रस्ट ने बिल्डिंग का जायजा भी लिया था, लेकिन बाद में ट्रस्ट ने वित्तीय स्थिति ठीक न होने का हवाला देते हुए संपर्क बंद कर दिया। अब राज्य सरकार की ओर से ही घरोंदा तैयार किया जा रहा है। बिल्डिंग बनकर तैयार हो चुकी है। बिल्डिंग में कुछ मशीनें रखी हुई हैं, उन्हें शिफ्ट करने के लिए डीएम हरिद्वार को पत्र लिखा गया है। इस साल के अंत तक घरोंदा बनकर तैयार हो जाएगा।
दिव्यांग जन आयुक्त ने बताया कि दिव्यांगजनों की देखभाल के लिए कुछ संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन किया गया है। इनमें सत्य सेवा साईं, हल्द्वानी की नैब और रफेल राइडर अच्छा काम कर रही हैं। यदि कोई संस्था घरोंदे बनाने के लिए आगे आती है तो अन्य जगह भी घरोंदे बनाएं जाएंगे।