किसान संघ ने पंजाब में रेल रोको आंदोलन को 29 सितंबर तक बढ़ाया
नई दिल्ली । कृषि विधेयक के खिलाफ शुक्रवार को किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई किसान संगठनों ने आज राष्ट्रव्यापी भारत बंद बुलाया है। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, अखिल भारतीय किसान महासंघ और भारतीय किसान यूनियन द्वारा देशव्यापी भारत बंद का आह्वान किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों को आश्वासन दिया है कि यह विधेयक किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएंगे और एमएसपी की व्यवस्था पहले की तरह बनी रहेगी। इसके बावजूद किसान संगठनों का कहना है कि यह विधेयक करोपोरेट्स को फायदा पहुंचाने वाले हैं। इसी के चलते देशभर में बंद बुलाया गया है। विरोध की वजह से पंजाब-हरियाणा और बिहार में सड़क मार्ग प्रभावित हो गया है। कई जगहों पर किसान रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए हैं। यहां पढ़ें इससे जुड़े अपडेट्स-
कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों ने उत्तराखंड के हरिद्वार तथा उधमसिंह नगर जिलों सहित अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन किए। हरिद्वार जिले के मंगलौर में किसानों ने हुंकार भरते हुए तीन घंटे तक गुड़ मंडी के बाहर राजमार्ग को जाम कर दिया। किसानों ने कहा कि यदि उन्हें उनकी फसलों का उचित मूल्य मिले तो उन्हें कर्ज की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारें अपने मंत्रियों और अधिकारियों की जेबें भरने के लिए कर्ज आदि की योजनाएं लेकर आती हैं।
कर्नाटक में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी अफ इंडिया और दलित संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने आज पहले शिवमोगा में षि क्षेत्र से संबंधित हाल ही में पारित बिलों के विरोध में शिवमोगा-दावणगेरे राजमार्ग को अवरुद्घ कर दिया।
संसद द्वारा हाल ही में पारित तीन षि बिलों के विरोध में किसानों ने देश के कई हिस्सों में नारेबाजी की और सड़कों को जाम किया। सबसे व्यापक विरोध पंजाब और हरियाणा में हुए, लेकिन कई किसान यूनियनों द्वारा दिए गए भारत बंद के आह्वान के तहत उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, केरल और कर्नाटक से भी प्रदर्शन किए गए।
शिरोमणि अकाली दल ने किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए पूरे पंजाब के अपने चक्का जाम कार्यक्रम के तहत विरोध प्रदर्शन किया। यहां तक कि सुखबीर सिंह बादल ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से कृषि बिलों पर तत्काल कैबिनेट बैठक बुलाने के लिए कहा और पूरे राज्य को एक मंडी (प्रमुख बाजार यार्ड) घोषित करने के लिए अध्यादेश लाने का आह्वान किया। जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि राज्य में नए केंद्रीय षि बिल लागू नहीं हो सकते हैं।
टीएमसी के किसान विंग ने हाल ही में पारित कृ षि कानूनों के खिलाफ आज कोलकाता में विरोध प्रदर्शन किया। टीएमसी नेता ने कहा कि श्यह एक कठोर कानून है, जो बिना किसी प्रक्रिया के मोदी सरकार द्वारा बलपूर्वक पारित किया गया है। मोदी सरकार आम लोगों के लिए नहीं है।