कोटद्वार-पौड़ी

हाथरस घटना के आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। बहुजन क्रांति मोर्चा ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर हाथरस की घटना के दोषियों को फांसी की सजा देने, पीड़िता के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने, परिवार को एक करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता देने, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। साथ ही आजमगढ़ के सत्यमेव जयते प्रधान एवं बिहार के नेता शक्ति मलिक की हत्या करने वालों पर त्वरित कार्यवाही करते हुए फांसी की सजा देने की मांग की है। मोर्चा के सदस्यों ने कहा कि उक्त घटना के आरोपियों की सम्पति कुर्क की जाय।
मोर्चा के जिला संयोजक श्यामलाल खंतवाल ने कहा कि विगत 14 सितम्बर 2020 को जिा हाथरस उत्तर प्रदेश में वाल्मिकी सजा की बेटी के साथ चार दरिंदों ने गैंगरेप किया और उसके बाद उसकी जीभ काट दी तथा रीढ़ की हड्डी तोड़ दी। 29 सितम्बर को अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं 29 सितम्बर को बलरामपुर उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति की बेटी को अगवाकर गैंगरेप कर उसके दोनों पैर और रीढ़ की हड्डी तोड़ दी। अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। 30 सितम्बर को आजमगढ़ जिले में 8 वर्षीय मासू बच्ची के साथ 20 वर्षीय युवक, बुलन्दशहर में 14 वर्षीय मासूम के साथ, अलीगढ़ में 3 साल की मासूम के साथ, राजस्थान के सीकर, बारा, जयपुर, अजमेर में नाबालिग बच्चियों के साथ रेप किया गया। वहीं मध्य प्रदेश के खरगौन में एक नाबालिग बच्ची के साथ तीन लोगों द्वारा गैंगरेप किया गया। उन्होंने कहा कि देश में बलात्कार, गैंगरेप और हत्या के मामले लगातार बढ़ रहे है। इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून की आवश्यकता है।
सतीश ओडवाल, चन्द्रमोहन, भूपेन्द्र सिंह, इन्द्र सिंह, सुरेन्द्र सिंह, सज्यपाल सिंह, पुष्कर सिंह, रामेश्वर ने कहा कि 14 सितम्बर 2020 को केन्द्र सरकार ने किसानों के विरोध में तीन बिल पास किये। इन बिलों के खिलाफ राष्ट्रीय किसान मोर्चा ने देशव्यापी आंदोलन किया। आंदोलन के दौरान संत कबीर नगर, बाराबंकी, प्रतापगढ़, इटावा सहित कुछ जिलों में किसानों के ऊपर फर्जी मुकदमें दर्ज किये गये है। किसानों के ऊपर दर्ज फर्जी मुकदमें वापस लिये जाय। उन्होंने कहा कि भारत सरकार व राज्य सरकारों द्वारा बिजली विभाग, रेलवे, बीएसएनएल आदि अन्य संस्थानों का निजीकरण करने से मूल निवासी बहुजन समाज के आरक्षण को समाप्त करने का षडयंत्र रचा जा रहा है। जिसका वह विरोध करते है।

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