हेल्थ इमरजेंसी घोषित होगा मंकीपक्स? डब्ल्यूएचओ ने 23 जून को बुलाई आपातकालीन बैठक
न्यूयार्क, एजेंसी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को कहा कि वह 23 जून को एक आपातकालीन बैठक आयोजित करेगा, जिसमें यह तय किया जाएगा कि दुनिया में तेजी से फैल रहे मंकीपक्स को हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया जाए या नहीं। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि वह जल्द ही इस बात की पुष्टि करेगा कि मंकीपक्स एक अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल है या नहीं। बता दें कि 2020 की शुरुआत में जब कोरोना वायरस अपने पैर पसार रहा था तब उसे भी भी डब्ल्यूएचओ द्वारा 30 जनवरी 2020 को हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा, मंकीपक्स का प्रकोप असामान्य और चिंताजनक है। इस कारण से मैंने अगले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों के तहत आपातकालीन समिति बुलाने का फैसला किया है, ताकि यह आकलन किया जा सके कि यह प्रकोप अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल है या नहीं।
अंतर्राष्ट्रीय चिंता का एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एक असाधारण घटना की औपचारिक घोषणा है। आपातकाल जिस भी किसी घटना या बीमारी को डब्ल्यूएचओ घोषित करता हो उससे अन्य देश अलर्ट हो जाते हैं। च्भ्म्प्ब् घोषित रोग अंतरराष्ट्रीय प्रसार के माध्यम से अन्य देशों के सार्वजनिक स्वास्थ्य को जोखिम में डाल सकते हैं और इस चुनौती से निपटने के लिए समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है।
ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने देश में मंकीपक्स के 104 अन्य मामलों का पता लगाया है और इसके मामले अब अफ्रीका से बाहर भी सामने आ रहे हैं। ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने सोमवार को कहा कि अब देश भर में मंकीपक्स के 470 मामले सामने हैं, जिनमें से अधिकांश समलैंगिक या ‘बाइसेक्सुअल’ पुरुषों में हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कोई भी व्यक्ति संक्रमण की चपेट आ सकता है यदि वह मंकीपक्स से संक्रमित किसी व्यक्ति के शारीरिक संपर्क में आता है।