उत्तराखंड

वन गुर्जरों के विस्थापन मामले में सुनवाई 23 मार्च को

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने बुधवार को प्रदेश के वन गुर्जरों के संरक्षण व विस्थापन के मामले में दायर अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। पिछली तिथि को कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि कोर्ट के आदेशों का पालन हुआ या नहीं। मामले में आज याचिकाकर्ता के अनुरोध पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए 23 मार्च की तिथि नियत की है। सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई। पूर्व में कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए थे कि कर्बेट पार्क के सोना नदी में क्षेत्र में टूटे हुए 24 वन गुर्जरों के परिवारों को तीन माह के भीतर 10 लाख रुपये का भुगतान करें और छह माह के भीतर भूमि व मालिकाना हक संबंधी प्रमाणपत्र दें। कोर्ट ने राजाजी नेशनल पार्क में वन गुर्जरों के उजड़े हुए परिवारों को जीवनयापन के लिए खाना, आवास, चिकित्सा सुविधा, स्कूल, मार्ग, पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था समेत उनके उपचार के लिए पशु चिकित्सक उपलब्ध कराने को कहा है। खंडपीठ ने सरकार से राजाजी नेशनल पार्क के वन गुर्जरों के विस्थापन की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा था। याचिका में कहा गया है कि सरकार वन गुर्जरों को उनके परंपरागत हक-हकूकों से वंचित कर रही है। वन गुर्जर पिछले 150 सालों से वनों में रह रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा उन्हें हटाया जा रहा है। उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किये जा रहे हैं। उन्होंने सभी अधिकार व सुविधाओं के साथ विस्थापन की मांग की।

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