उत्तराखंड

गौलापार हल्द्वानी में ही स्थापित हो हाईकोर्ट की फुल बैंच : कोश्यारी

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देहरादून। महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को पत्र लिखकर नैनीताल हाईकोर्ट की फुल बैंच हल्द्वानी गौलापार में ही स्थापित करने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि कौन सी संस्था व विभाग कहां रहे इसका निर्णय विधान मंडल ही करते आए हैं। यदि न्यायालय इस संबंध में फैसला करने लगे तो पीआईएल कर्ता कल को किसी भी विभाग, जिला, तहसील आदि की मांग को लेकर न्यायालय पहुंच जाएंगे और इससे संविधान द्वारा सरकारों को दिए गए अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप की संभावना बढ़ जाएगी। उन्होंने न्यायालय का पूरा सम्मान करते हुए कहा है कि नैनीताल हाईकोर्ट ने भी पूर्व में हाईकोर्ट की फुल बैंच गौलापार स्थापित करने पर सहमति दी है। जबकि राज्य सरकार भी इस पर सहमत है और इसके लिए 26 बीघा जमीन भी चिह्नित की गई है। कोश्यारी ने कहा कि अब अन्यत्र स्थान चिह्नित किए जाने से इस क्षेत्र में असंतोष फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। कोश्यारी ने लिखा है कि गौलापार हाईकोर्ट बन जाने से चिकित्सा की समस्या भी दूर हो जाएगी और पंतनगर एयरपोर्ट नजदीक होने से आवाजाही की समस्या का भी समाधान हो जाएगा।
क्षेत्रीय संतुलन के आधार पर हुई थी हाईकोर्ट की स्थापना
कोश्यारी ने पत्र में कहा कि राज्य गठन के समय विस्तृत विचार विमर्श के बाद देहरादून को तात्कालिक राजधानी एवं नैनीताल में उच्च न्यायालय बनाने का निर्णय लिया गया। नैनीताल में अंग्रेजों के समय से ही राजभवन व सचिवालय आदि बनाए गए हैं और यूपी की यह ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में प्रयुक्त होता रहा। उन्होंने कहा कि नैनीताल को राज्य की राजधानी बनाने से मंत्रियों व विशिष्ट जनों की अधिकता से स्थानीय पर्यटन व जनजीवन पर असर पड़ सकता था। ऐसे में क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखकर हाईकोर्ट की स्थापना वहां पर की गई थी।

 

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