हाईकोर्ट: शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच के सम्बंध में शपथपत्र पेश करने के निर्देश
नैनीताल। उच्च न्यायालय ने प्राइमरी व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजोंं के आधार पर नियुक्ति पाए करीब साढ़े तीन हजार अध्यापकों के खिलाफ दायर जनहित याचिका बुधवार को सुनवाई की। मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से कल पहली अक्टूबर तक जिला, ब्लक, और तहसील स्तर पर सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच के सम्बंध में शपथपत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि कुमार मलिमथ व न्यायमूर्ति्त आरसी खुल्बे की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। पिछली तिथि को सरकार से पूछा था कि कितने अध्यापकों के खिलाफ कार्यवाही की गई और वे कौन से अधिकारी है जिन्होंने यह त्य किया है। स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी हल्द्वानी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य के प्राइमरी व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में करीब साढ़े तीन हजार अध्यापक जाली दस्तावेजो के आधार पर फर्जी तरीके से नियुक्त किये गए है।कुछ अध्यापको की एसआईटी जाँच की गई जिनमेंं खचेड़ू सिंह ,ऋषिपाल ,जयपाल के नाम सामने आए परन्तु विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण इनको क्लीन चिट दी गयी और ये अभी भी कार्यरत है। संस्था ने इस प्रकरण की एसआईटी से जाँच करने को कहा है। पूर्व में राज्य सरकार ने अपने शपथपत्र पेश कर कहा था कि इस मामले की एसआईटी जांच चल रही है अभी तक 84 अध्यापक जाली दस्तावेजो के आधार पर फर्जी पाए गए है , उन पर विभागीय कार्यवाही चल रही।