उद्यान, कृषि एवं पशुपालन पहाड़ी कृषक की आर्थिकी का बेहतर जरिया: उनियाल
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। प्रदेश के कृषि मंत्री एवं जनपद प्रभारी मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उद्यान, कृषि एवं पशुपालन पहाड़ी कृषक की आर्थिकी का सबसे बेहतर जरिया है, इस क्षेत्र में आधुनिक तकनीक को जोड़कर कार्य करने की जरूरत है। जिससे फसल के साथ साथ आजीविका के लिए अच्छी आमदनी हो। उन्होंने कहा कि पॉलीहाउस को कलस्टर रूप में विकसित करें। उन्होंने पशुपालन अधिकारी को निर्देशित किया कि गांवों में अधिक से अधिक पशु मेले लगायें तथा किसान एक समय में एक ही सेक्टर में काम करें। किसानों को मौसम के अनुरूप गाय की नस्ल का चुनाव करने को कहें, ताकि उनकी आमदनी अच्छी और आर्थिकी भी मजबूत हो सके।
प्रदेश के कृषि मंत्री एवं जनपद प्रभारी मंत्री सुबोध उनियाल ने गत गुरूवार देर सांय विकास भवन सभागार पौड़ी में जिला योजना एवं विकास कार्यों व खनन न्यास की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि पारदर्शिता के साथ निर्माण कार्यों में तेजी लाते हुए आवंटित धनराशि को 100 प्रतिशत खर्च करना सुनिश्चित करें। उन्होने रेखीय विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी को समझते हुए बेहतर कार्य करने के निर्देश दिये। साथ ही आई एएम व्लेज योजना के तहत एक ही प्रकार की फसल, पशुपालन अथवा अन्य कार्य को बढ़ावा देने को कहा, जिससे वृहद स्तर पर उत्पादन को गति मिल सकें। मंत्री ने विधायक निधि एवं जिला योजना के अंतर्गत टेंडर के सापेक्ष अवशेष धनराशि की जानकारी को लेकर जिलाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गत वर्ष में कितने कार्य हुए, कितने पेंडिंग है और उनके सापेक्ष शेष धनराशि का क्या उपयोग में लाया जाय। जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने कहा कि हर ब्लॉक में एक गांव को मॉडल गांव के रूप में विकसित करने की योजना है, जिसमें 20 से अधिक पॉलीहाउस लगाये जायेंगे। जिस पर मंत्री ने कहा कि योजना को फलीभूत करते हुए इसको ‘पॉलीहाउस किसान गांव‘ का नाम दें। उन्होंने कहा कि जिला योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में किये जा रहे विकास कार्यों को मनरेगा के तहत जोड़कर भी पूर्ण कर सकते हैं। उन्होंने कृषि, उद्यान, पशुपालन, मस्त्य, डेरी विकास आदि विभागों में स्वरोजगार को लेकर किये जा रहे कार्यों की प्रगति की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि कृषकों के स्थानीय सामाग्री के विक्रय के लिए सम्भावित स्थानों को चिन्ह्ति कर स्टॉल लगाना सुनिश्चित करें।
काबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि कार्यों की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए शत प्रतिशत धनराशि व्यय करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिला योजना के अन्तर्गत प्रारम्भिक सेक्टर पर फोकस करना है, क्योंकि उत्तराखंड में लगभग 70 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं, इसलिए कृषि, पशुपालन, मत्स्य, डेरी, उद्यान को मजबूत करने का प्रयास किया जायेगा। इन सेक्टरों में नकदी फसलों के माध्यम से अधिक से अधिक स्वरोजगार की सम्भावनाओं को तलाशना है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल और नल में जल पहुंचाने हेतु पहले चरण का कार्य पूर्ण हो चुका है और द्वितीय चरण में कार्य चल रहा है। उन्होंने पर्यटन, जिला पूर्ति, डेरी विकास, लोनिवि, जल संस्थान, सिंचाई, उद्योग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि आधुनिकता के हिसाब से अपने विभाग में परिवर्तन लाये। अभिनव कार्य कर लोगों में स्वरोजगार को बढ़ावा दें। अपना अनुभव का फायदा लोगों को देना चाहिए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, डीएफओ गढ़वाल मुकेश कुमार, अपर जिलाधिकारी डॉ. एसके बरनवाल, उपजिलाधिकारी एसएस राणा, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाशन, मुख्य कोषाधिकारी लखेन्द्र गौंथियाल, मुख्य कृषि अधिकारी डीएस राणा, मुख्य उद्यान अधिकारी नरेन्द्र कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके सिंह बत्र्वाल, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी संजय शर्मा, जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनीता अरोड़ा, एएमए जिला पंचाायत संतोष खेतवाल, जिला पर्यटन विकास अधिकारी खुशाल सिंह नेगी, अधि.अभि. लोनिवि अरूण पाण्डेय, जल संस्थान एसके राय, लघु सिंचाई अधिकारी राजीव रंजन, बाल विकास अधिकारी जितेंद्र कुमार सहित जिला स्तरीय संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। (फोटो संलग्न है)
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श्रीनगर में खुलेगा एक और विश्वविद्यालय: डॉ. रावत
पौड़ी। प्रदेश के काबीना मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बैठक में कहा कि कहा कि श्रीनगर में एचएनबी के केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनने के बाद छात्र-छात्राओं को प्रवेश लेने में दिक्कतें हो रही हैं, इसको मध्यनजर रखते हुए निर्णय लिया गया है कि जैसे ही भूमि चिन्ह्ति हो जाती है एक और विश्वविद्यालय खोला जायेगा। उन्होंने कहा कि खिर्सू उद्यान को पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए इसका कायाकल्प किया जा रहा है, इस बार यहां पर 5 हजार से ज्यादा फलदार पौधे लगाये गये हैं। इसके अलावा जनपद पौड़ी में पर्यटन सर्किट भी बनाया जायेगा, जिसमें धारीदेवी, खिर्सू, क्यूंकालेश्वर, कमलेश्वर, देवलगढ़ को जोड़ा जायेगा। श्रीनगर झील में नौकायन कराये जाने की योजना है।
काबीना मंत्री ने कहा कि वर्तमान में स्वास्थ्य के लिए जो धनराशि मिली है, उसकी गाइड लाइन प्रत्येक जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को भेज दी गई है। मंत्री ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से जानकारी ली कि जनपद में कितने बच्चे हैं, इस सीएमओ ने बताया कि जनपद में लगभग 1 लाख 60 हजार बच्चे हैं, जिनके लिए 15 प्रतिशत यानि 24 हजार दवाई पैकेट बनाये जाने हैं। मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि बेड, ऑक्सीजन, दवाई, पैंसे आदि के लिए धनराशि की कमी नहीं है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में 7 हजार लोग नौकरी पर लगाये जायेंगे, जिसमें 2 हजार एनएचएम तथा 5 हजार लेब टेक्नीशियन से वार्ड ब्वाय तक होंगे। उन्होेंने कहा कि जनपद में एक माह में एक ब्लॉक को 100 प्रतिशत तथा प्रत्येक ब्लॉक के एक-एक गांव में 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन करना है। दिव्यांगजनों, वृद्धजनों को गांव में ही घर-घर जाकर वैक्सीन लगानी है, इसके लिए अलग से बजट दिया जा रहा है। इसके अलावा सस्ता गल्ला दुकानदारों को और जिनसे लोगों का ज्यादा मिलना होता है, उन्हें जल्दी वैक्सीन लगानी है।
20 प्रतिशत धनराशि व्यय की
जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने बताया कि वर्ष 2020-21 में जनपद का कुल अनुमोदित परिव्यय 79.86 करोड़ के सापेक्ष 99.85 प्रतिशत खर्च हुआ। गत वर्ष का 11 लाख शेष था, जिसमें 10 लाख 58 हजार व्यय कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि 2021-22 के लिए कुल अनुमोदित परिव्यय 83.05 करोड़ के सापेक्ष 60 करोड़ शासन से अवमुक्त हो चुका है, जिसमें लगभग 20 प्रतिशत धनराशि व्यय कर दी गई।