उत्तराखंड

एक्घ्ट के दायरे से बाहर हो 50 बेड तक के अस्पताल: आईएमए

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काशीपुर। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने 50 बिस्घ्तरों तक वाले अस्घ्पतालों को क्घ्लीनिकल स्घ्टेब्लिशमेंट एक्घ्ट के दायरे से बाहर करने की मांग की है। कहा कि राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए छोटे और मंझले अस्पतालों को ईटीपी व एसटीपी के मानकों में कुछ राहत दी जाए। आईएमए ने रजिस्ट्रेशन शुल्क कम करने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है। आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष ड़ चंद्रशेखर जोशी व पूर्व अध्यक्ष ड़ अरविंद शर्मा रविवार को आईएमए के कल्याणम भवन में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों आईएमए ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर उन्हें 10 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा था। जिसमें 50 बिस्घ्तरों अथवा उससे कम वाले अस्घ्पतालों को क्घ्लीनिकल स्घ्टेब्लिशमेंट एक्घ्ट के दायरे से बाहर रखने की मांग प्रमुखता से उठाई गई थी। कहा कि पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। आईएमए ने 50 से अधिक बेड वाले अस्पताल और नर्सिंग होम के लिए भी पंजीकरण शुल्क में टूट दिए जाने की उत्तराखंड सरकार की सराहना की। आईएमए ने अस्पतालों को उपलब्ध कराए जा रहे पलीथीन बैगो पर बार कोडिंग की व्यवस्था खत्म करने का सुझाव दिया है। पीसीबी और अग्निशमन की अनापत्ति को लेकर अनावश्यक मानकों से भी निजात दिलाने की मांग की है। इसके अलावा संगठन ने गैर चिकित्सकों की ओर से संचालित होने वाले अस्पतालों पर भी अंकुश लगाने की मांग की है। आईएमए ने कहा कि इसके लिए प्रैक्टिसनर डक्टरों अथवा आईएमए को अधित किया जाना चाहिए। कहा कि डक्टरी के पेशे की वरीयता सेवा है न कि बिजनेस। इस मौके पर ड़ यशपाल रावत, ड़ प्रदीप राज रस्तोगी, ड़ सुनेत चौहान, ड़ रवि सहोता, ड़ बीएम गोयल, ड़ रजत गुप्ता, ड़कएके बंसल, ड़ नक्षत्र आदि मौजूद रहे।

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