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सिफारिश रद्द नहीं की तो उपवास पर बैठूंगा, बोले-तीन साल से खाली पदों को समाप्त किया जाना महापाप

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देहरादून । उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विभागों में तीन साल से खाली पदों को समाप्त करने के निर्णय को महापाप बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पंचम राज्य वित्त आयोग की सिफारिश को रद्द करने का अनुरोध किया है। एक सप्ताह में सिफारिश रद्द न होने पर उन्होंने तपती धूप में उपवास करने की चेतावनी दी है।
अपनी फेसबुक पोस्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि यह हजारों बेरोजगारों की आशाओं पर कुठाराघात है। अब भी कुछ नहीं बिगड़ा है, इस सिफारिश को रद्द किया जाए। इसके लिए सरकार को एक सप्ताह का समय दिया जाता है। यदि इस बीच इसे निरस्त न किया गया तो वह तेज धूप में दोपहर 12 बजे से एक बजे तक उपवास पर बैठेंगे। ताकि सरकार को बेरोजगारों के दर्द का कुछ एहसास हो सके।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पति-पत्नी दोनों को वृद्घावस्था पेंशन दिए जाने के निर्णय पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पीठ थपथपाई है। पूर्व सीएम ने कहा कि शाबाश पुष्कर सिंह धामी वृद्घावस्था पेंशन का यह निर्णय स्वागत योग्य है। लिखा कि मुख्यमंत्री धामी ने ऐसा कर अपने पूर्व मुख्यमंत्रियों के पाप कुछ सीमा तक धो दिए हैं। कांग्रेस सरकार के समय में यह पेंशन पति-पत्नी दोनों को दिए जाने का निर्णय लिया गया था।
हजारों लोग इससे लाभान्वित हो रहे थे। लेकिन भाजपा सरकार ने केवल एक परिवार-एक पेंशन का नियम लागू कर हजारों महिलाओं से उनकी पेंशन छीन ली। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस दिन से ऐसी पात्र महिलाओं की पेंशन बंद हुई है, उसको उसी दिन से फिर से शुरू किया जाए। यदि मुख्यमंत्री इसके एरियर का भुगतान करें तो वह आगे बढ़कर न केवल उनका धन्यवाद देंगे बल्कि सीएम धामी को माला पहनाने भी जाएंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि दून और अन्य अस्पतालों में कार्यरत उपनल व पीआरडी से संबद्घ कर्मचारी उनसे मिले। इन कर्मचारियों ने आपातकाल में मानवता की सेवा की है। सरकार को उन्हें सेवा से मुक्त करने के बजाए उनकी समस्या का स्थायी समाधान करना चाहिए। उधर विधायक एवं पूर्व मंत्री यशपाल आर्य और पूर्व विधायक संजीव आर्य ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से शिष्टाचार भेंट की।

 

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