नशा मुक्त समाज की स्थापना में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका
जयन्त प्रतिनिधि।
सतपुली : राजकीय महाविद्यालय सतपुली के एंटी ड्रग्स सेल और समाजशास्त्र विभाग के तत्वावधान में मानव शरीर एवं समाज पर मादक द्रव्यों का प्रभाव विषय पर एक राष्ट्रीय ई संगोष्ठी का आयोजन किया गया। वक्ताओ ने कहा कि नशा एक ऐसी बुराई है जो हमारे समूल जीवन को नष्ट कर देती है। नशे की लत से पीड़ित व्यक्ति परिवार के साथ समाज पर बोझ बन जाता है। युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा नशे की लत से पीड़ित है। जो स्वास्थ्य के साथ सामाजिक और आर्थिक दोनों लिहाज से हानिकारक है। नशा मुक्त समाज की स्थापना में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
गुरुवार को आयोजित ई-संगोष्ठी की शुरुआत आयोजक डा. दीप्ति ने की। गोष्ठी में मुख्य अतिथि निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. सीडी सूठा, विशिष्ट अतिथि प्रो. एएस उनियाल, संरक्षक प्राचार्य प्रो. संजय कुंदन द्वारा संगोष्ठी को संबोधित किया गया। संयोजक डा. एचके सेमवाल द्वारा गोष्ठी का उद्देश्य विषय विषयवस्तु प्रस्तुत की गई। संगोष्ठी के सचिव डॉ. शूरवीर द्वारा रूप रेखा प्रस्तुत की गई। संगोष्ठी में प्रख्यात वक्ता उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के डा. डीके सेमवाल द्वारा मादक द्रव्यों के मानव शरीर के आर्गन्स पर प्रभाव विषय पर जानकारी दी गई। इन्दिरा गांधी ओपन विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डा.दीपक पालीवाल द्वारा मादक द्रव्यों का समाज में पड़ने वाले प्रभाव पर व्याख्यान दिया गया। संचालन गढ़वाली कवियत्री बीना बेंजवाल ने किया।