उत्तराखंड

केंद्रीय विद्यालयों में नई शिक्षा नीति की जानकारी दी

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चमोली। केन्द्रीय विद्यालय गोपेश्वर में गोपेश्वर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की तीसरी वर्षगांठ पर आयोजित प्रेस वार्ता में गुरुवार को केंद्रीय विद्यालय गोपेश्वर के प्रधानाचार्य अजय घिल्डियाल ने कहा कि देश में कुल 1250 तथा विदेश में स्थित तीन केंद्रीय विद्यालय जिनमें 14 लाख से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं। सभी केंद्रीय विद्यालय छात्रों की अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाने, रटने के बजाय आलोचनात्मक सोच और वैज्ञानिक स्वभाव को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अक्षरशरू पालन कर रहे हैं। गोपेश्वर केन्द्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में कक्षा 1 में प्रवेश आयु में बदलाव किया गया है, बाल वाटिका की स्थापना , मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता(एफएलएन) ,निपुण, विद्या प्रवेश, विद्यांजलि, पीएम ई-विद्या, फाउंडेशन स्टेज के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा तथा कौशल विकास व जादुई पिटारा एवं खिलौना आधारित शिक्षण विधि के माध्यम से पठन-पाठन को छात्रों के लिए और अधिक आकर्षक तथा रोचक बना दिया गया है । हितधारक के रूप में अभिभावकगण को भी शिक्षण-प्रक्रिया में शामिल किया गया है। केन्द्रीय विद्यालय संगठन मे शिक्षकों को इस शिक्षा नीति के अनुरूप समय-समय पर प्रशिक्षित किया जा रहा है । प्रधानाचार्य घिल्डियाल ने बताया कि निश्चय ही एर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन प्रोग्राम योग्यताधारी शिक्षक ही बालवाटिका में पढ़ाने के योग्य होंगे। पीस पब्लिक स्कूल की उपप्राचार्या शशि देवली ने पीस पब्लिक स्कूल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उनके विद्यालय में नयी शिक्षा नीति के अनुसार प्रवेश दिए जा रहे हैं। विद्यार्थी-केंद्रित शिक्षा है, जिसमें रटने पर नहीं बल्कि सीखने पर जोर रहता है। कार्यक्रम का संचालन हिंदी शिक्षक घनश्याम द्वारा किया गया। केंद्रीय विद्यालय गोपेश्वर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने के तीन वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में पौधरोपण किया गया।

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