उत्तराखंड

राज्य सरकार को 11 मई तक जवाब पेश करने के निर्देश

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अल्मोड़ा की ग्राम पंचायत सीमा में ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी द्वारा वर्ष 2008 से 2019 तक निर्माण कार्यों में किए गए घपले की जांच व दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। खंडपीठ ने सरकार से 11 मई तक जवाब पेश करने को कहा है। सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई।
आज सुनवाई में राज्य के मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत ने खंडपीठ को बताया कि इस मामले में जांच चल रही है। दोषियों से 54 हजार रुपये प्राप्त कर लिए गए हैं। याची के अधिवक्ता विकास बहुगुणा ने कहा कि इन्होंने सरकारी धन का दुरुपयोग किया है, जिसकी जांच सही पाई गई है। लेकन सरकार ने अभी तक इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया है। मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से 11 मई तक जवाब मांगा है।
यह है मामलारू अल्मोड़ा के ग्राम पंचायत सीमा निवासी दीवान सिंह ने जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा है कि ग्राम प्रधान बालम सिंह व ग्राम विकास अधिकारी दिनेश सिंह राणा ने ग्राम पंचायत में वर्ष 2008 से 2019 के बीच हुए निर्माण कार्यों में सरकारी धन का घपला किया है। इसकी जांच कराने के लिए उनके द्वारा राज्य सरकार, जिलाधिकारी अल्मोड़ा व जिला पंचायतराज अधिकारी अल्मोड़ा को शिकायत की गई। उनकी शिकायत पर 21 अगस्त 2021 को जिला पंचायतराज अधिकारी ने पूरे प्रकरण की जांच के आदेश जारी किए। स्थलीय जांच करने पर कमेटी ने पाया कि कई निर्माण कार्य क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सीमा धारा के सौंदर्यीकरण के निर्माण में प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी द्वारा कई मजदूरों को एक ही दिन दो अलग-अलग योजनाओं में कार्य करते हुए दिखाया गया। पेयजल टैंक मरम्मत की लागत 25,992 रुपये थी, जबकि उनके द्वारा जो मस्टरोल भरा गया, वह 28345 रुपये का है। कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कई घपले पाते हुए रिकवरी के आदेश जारी किए हैं।

 

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