आईटीबीपी: नई बटालियनों को मंजूरी देने की प्रक्रिया अंतिम चरण में] चीन का सामना करने के लिए होगी तैनाती
ग्रेटर नोएडा। भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद के बीच इस सीमा की सुरक्षा जिम्मेदारी उठाने वाले बलों में से एक आईटीबीपी की ताकत जल्द ही बढ़ने वाली है। गृह मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने रविवार को कहा कि आईटीबीपी को जल्द ही नई बटालियनों की सौगात मिलेगी।
भारत और चीन के बीच सीमा वास्तविक नियंत्रण रेखा ळ्एलएसीव् की निगरानी के लिए भारत&तिब्बत सीमा पुलिस ळ्आईटीबीपीव् की नई बटालियनों को अधित करने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने रविवार को दी। उन्होंने कहा कि सरकार सभी सुरक्षा बलों को परिवहन और रसद की मदद मुहैया कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्घ है।
राय] पर्वतीय युद्घ के लिए प्रशिक्षित आईटीबीपी के 60वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र ने पिछले साल 47 नई सीमा चौकियों और एक दर्जन शिविरों ळ्सीमा पर गश्त करने वाले सैनिकों के लिए अपरेशनल बेसव् को मंजूरी दी थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा] आईटीबीपी के लिए मैनपावर और बटालियन उपलब्ध कराने के लिए विमर्श अंतिम चरण में है।
समाचार एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि आईटीबीपी को अपनी नई सीमा चौकियों के लिए लगभग आठ हजार कर्मचारियों वाली सात नई बटालियनों की जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है। जानकारी के अनुसार आईटीबीपी की इन नई बटालियन को मुख्य रूप से भारत के पूर्वी हिस्से पर एलएसी के अरुणाचल प्रदेश सेक्टर में तैनात किया जाएंगा।
अधिकारियों ने बताया कि आईटीबीपी की नई बटालियनों को अनुमति देने और पूर्वोत्तर इलाके में एक सेक्टर मुख्यालय के निर्माण को मंजूरी देने का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास दो साल से अधिक समय से विचाराधीन है। लेकिन] पिछले साल नई सीमा चौकियों और शिविरों के आयोजन को मंजूरी दिए जाने के साथ] अब इस प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
राय ने पिछले साल मई&जून के दौरान लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच झड़पों के दौरान अपनी बहादुरी और अपने विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए आईटीबीपी की सराहना की। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने संघर्ष के समय में बहादुरी और साहस का बेजोड़ प्रदर्शन करने के लिए आईटीबीपी के 20 अधिकारियों और कर्मचारियों को पदक से सम्मानित किया।