उत्तराखंड

जल संस्थान कर्मचारियों की मैनेजमेंट से वार्ता विफल

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देहरादून)। उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन की मैनेजमेंट से हुई वार्ता विफल हो गई। संगठन ने मैनेजमेंट पर कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी का आरोप लगाया। आईटीआई धारकों को लोनिवि, सिंचाई की तरह 2400 ग्रेड वेतन का लाभ देने का आश्वासन पूरा नहीं किया गया। 21 सूत्रीय मांगों में से कोई भी मांग पूरी न होने से कर्मचारियों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। इसके खिलाफ शुक्रवार से जल भवन मुख्यालय में आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। संगठन प्रतिनिधिमंडल ने सीजीएम नीलिमा गर्ग को एक सिरे से मांगों की जानकारी दी। महामंत्री रमेश बिंजौला ने कहा कि पिछली बैठक में जो आश्वासन दिए गए थे, वे पूरे नहीं किए गए। आईटीआई धारकों का ग्रेड वेतन 2400 रुपये किए जाने का प्रस्ताव बोर्ड में लाया जाना था, जो नहीं लाया गया। आयुष्मान योजना का लाभ अभी तक नहीं मिला। समूह घ से समूह ग में खाली पदों पर पदोन्नति नहीं की गई। 2003 में नियमित हुए कर्मचारियों को 1996 से सेवा लाभ देने पर भी फैसला नहीं हुआ। इसे लेकर कर्मचारियों में जबरदस्त नारजगी है। जब तक इन मांगों का निस्तारण नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा।
मैनेजमेंट की ओर से तर्क दिया गया कि इन मांगों के निस्तारण का प्रयास किया जा रहा है। कर्मचारियों से कुछ समय मांगा गया। इस पर सहमति न बनने पर संगठन पदाधिकारियों ने वार्ता का बहिष्कार कर दिया। मैनेजमेंट के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध जताया गया। पदाधिकारियों को मनाने का भरसक प्रयास किया गया, लेकिन कर्मचारी नहीं माने। तय हुआ कि शुक्रवार से ही मुख्यालय पर आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। विरोध जताने वालों में मंडल अध्यक्ष श्याम सिंह नेगी, महामंत्री शीशुपाल रावत, कोषाध्यक्ष लाल सिंह रौतेला, प्रदेश मीडिया प्रभारी संदीप मल्होत्रा, रमेश चंद शर्मा, वासुदेव राणा, अमित कुमार, अशोक हरदयाल, अनिल शर्मा, रणवीर सिंह, मनीराम व्यास, राजेंद्र बिष्ट, चतर सिंह, धन सिंह चौहान, धूम सिंह सोलंकी, प्रदीप तोमर, आशीष तिवारी, संजय कुमार, जीवानंद भट्ट, सुभाष सलहोत्रा, अनिल भट्ट, मदनलाल, शरद कुमार, उत्तम कुमार आदि मौजूद रहे।

 

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