पुरानी पेंशन बहाली पर निर्णय नहीं तो होगा रेल का चक्का जामरू चतुर्वेदी
हल्द्वानी। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के केंद्रीय अध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी ने काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर कर्मचारियों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने कहा कि इस साल के अंत तक यदि रेल कर्मियों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वह रेल का चक्का जाम करने को मजबूर होंगे। शुक्रवार को नरमू के अध्यक्ष ने भोजीपुरा से लेकर काठगोदाम तक का दौरा किया। उन्होंने रेलवे कर्मचारियों की समस्याओं सुना। कर्मचारियों ने बताया कि मंडल चिकित्सालय में दवाइयां नहीं मिलने, डक्टरों के समय से अस्पताल में नहीं बैठने, रजिस्ट्रेशन के लिए लंबी लाइन लगाने, अस्पताल में नेट कनेक्टिविटी सही नहीं होने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आवासों का बेहतर रखरखाव भी नहीं हो रहा। नरमू अध्यक्ष ने कर्मचारियों के साथ बैठक कर समस्याओं के समाधान को एकजुट होकर संघर्ष का आह्वान किया। कहा कि आजादी के आंदोलन से लेकर अब तक रेलवे मजदूर यूनियन के संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने कार्मिकों का आह्वान किया कि वह पुरानी पेंशन बहाली के आंदोलन के लिए भी निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार रहें। यदि 2023 के अंत तक सरकार ने कर्मचारियों की मांगे नहीं मानी तो एआईआरएफ रेल का चक्का जाम करने से परहेज नहीं करेगा। पेंशन बहाली को लेकर संगठन मानसून सत्र में संसद परिसर में एक बड़ा प्रदर्शन करेगा। इस प्रदर्शन में एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा के आह्वान पर रेलवे के 12 लाख कर्मचारी अपनी हर कुर्बानी देने को तैयार रहें। बताया कि 15 मई को बनारस में एआईआरएफ व नरमू की एक बड़ी बैठक की जाएगी। जिसमें पुरानी पेंशन बहाली को लेकर बड़ा निर्णय होगा। बैठक में राम कुमार वर्मा , महेन्द्र कुमार चौधरी, चयन राय, मनोज कुमार सिंह, राजीव सक्सेना, अभिषेक सिन्हा, सुनील कुमार, राम अवतार, सुरेन्द्र कुमार, राज कुमारी सैनी, मलखान, अमित कश्यप, रोहन, कमलेश कुमार, ब्रज मोहन, कुमार राय, गोविन्द बिष्ट, जय प्रकाश सिंह, मनोज कुमार, शारस्वत सुयाल, मोहम्मद युनुस, जितेन्द्र कुमार मौजूद रहे।