Uncategorized

कब्जे में ली गई भूमि का बाजार किराया कितना होगा सरकार बताए : हाईकोर्ट

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नैनीताल। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने शुक्रवार को ऋषिकेश के निकट रिजर्व फॉरेस्ट की वीरपुर खुर्द वीरभद्र में स्थित 35 बीघा भूमि पर चिदानंद मुनि द्वारा अतिक्रमण करने व उस पर एक विशाल हाल, 52 कमरों की बिल्डिंग का निर्माण कार्य करने के खिलाफ दायर जनहित पर सुनवाई की। न्यायालय ने राज्य सरकार से 4 दिसंबर तक शपथपत्र पेश कर यह बताने को कहा है कि 2000 से 2020 तक जिस भूमि पर चिदानंद मुनि द्वारा अवैध कब्जा किया हुआ है, उसका बाजार किराया कितना होगा। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की खंडपीठ में हुई।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि चिदानंद मुनि ने इस भूमि पर वर्ष 2000 से कब्जा किया हुआ है। उनसे इस भूमि का बाजार दर के अनुरूप किराया वसूला जाए। कोर्ट के संज्ञान में यह भी तथ्य लाया गया कि जिस कंपनी को सरकार ने अवैध निर्माण तोड़ने के लिए 54 लाख का ठेका दिया है, उस कंपनी को सरकार दस लाख रुपया दे रही है और शेष धनराशि चिदानंद मुनि को वापस कर रही है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि राज्य सरकार मुनि को लाभ देना चाहती है।
हरिद्वार निवासी अर्चना ने दायर की है याचिका
हरिद्वार निवासी अर्चना शुक्ला ने मामले में जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा है कि ऋषिकेश के निकट वीरपुर खुर्द वीरभद्र में चिदानंद मुनि ने रिज़र्व फॉरेस्ट की 35 बीघा भूमि पर कब्जा करके वहां पर 52 कमरे, एक बड़ा हाल और गोशाला का निर्माण कर लिया है। मुनि के रसूखदारों से संबंध होने के कारण वन विभाग व राजस्व विभाग द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है। कई बार प्रशासन व वन विभाग को अवगत कराया गया, लेकिन उक्त गतिविधियों पर रोक नहीं लगी। इस कारण उन्हें न्यायालय में जनहित याचिका दायर करनी पड़ी। याचिकाकर्ता ने उक्त भूमि से अतिक्रमण हटाकर यह भूमि सरकार को सौंपे जाने की मांग की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!