केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर दुकानों के आवंटन को चरित्र प्रमाण पत्र की अनिवार्यता पर रोष
ऊखीमठ। केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर दुकानों के आवंटन के लिए चरित्र प्रमाण पत्र की अनिवार्यता पर स्थानीय लोगों ने रोष व्यक्त किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक चाय की दुकान चलाने के लिए भी चरित्र प्रमाण पत्र मांगे जा रहे हैं। जिसका लोगों ने विरोध किया है। 2013 की आपदा के बाद गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल मार्ग पर प्रशासन द्वारा प्री फेब्रिकेट दुकानों का निर्माण किया गया है। जिसका आवंटन प्रत्येक वर्ष लॉटरी के माध्यम से किया जाता है। जिसके आवेदन के लिए स्थायी निवास और चरित्र प्रमाण पत्र की अनिवार्यता है। जबकि इससे पूर्व पैदल मार्ग पर स्थानीय लोगों की स्थायी दुकानें थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रमाण पत्र बनवाने के लिए तहसील के चक्कर काट रहे हैं। कभी अधिकारी कार्यालयों में नहीं हैं तो कभी कनेक्टिविटी नहीं है। दूरस्थ क्षेत्रों से लोग तहसील में पहुंच रहे हैं और उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि एक प्रमाण पत्र बनाने के लिए दस दिन तक तहसील के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। कभी अधिकारी बैठकों में व्यस्त हैं,कभी कनेक्टिविटी नहीं है,चालान के लिए बैंकों में घण्टो तक खड़े हैं जिस कारण लोग मायूस घर लौट रहे हैं। ऊखीमठ ब्लॉक के कनिष्ठ प्रमुख शैलेन्द्र सिंह कोटवाल ने कहा कि प्रशासन चरित्र प्रमाण पत्र के नाम पर लोगों को परेशान कर रही है। दूर दराज के लोग हफ़्तों तक दिनभर तहसील,थाना,बैंक के चक्कर काट रहे हैं फिर भी काम नहीं हो रहा है। इस सम्बंध में उन्होंने जिलाधिकारी से भी वार्ता की है।