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केंद्र से दो-दो हाथ के मूड में अशोक गहलोत?

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जयपुर । राजस्थान में बीते कई दिनों से जारी सियासी उठा-पटक के बीच अशोक गहलोत सरकार ने सोमवार को अहम फैसला लिया है। अब राज्य में सीबीआई को
किसी की जांच करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। इस संबंध में राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी की है।
राज्य सरकार के गृह विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सीबीआई को राजस्थान में जांच करने के लिए प्रदेश सरकार की अनुमति की जरूरत
होगी। राजस्थान से पहले कई अन्य राज्य भी सीबीआई की सीधी जांच पर रोक लगा चुके हैं। छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में सीबीआई को जांच के
लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी पड़ती है।
मालूम हो कि राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच में कई दिनों से विवाद चल रहा है। गहलोत ने पायलट समेत बीजेपी पर राज्य सरकार को
गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। गहलोत लगातार बीजेपी और पायलट पर निशाना साधते हुए कहते रहें हैं कि दोनों ही पिछले छह महीनों से
राजस्थान की सरकार गिराना चाहते हैं।
वहीं, राजस्थान के चुरू जिले के राजगढ़ थाने के एसएचओ विष्णुदत्त विश्नोई की कथित खुदकुशी के संबंध में सीबीआई ने सोमवार को राजस्थान की कांग्रेसी विधायक
ष्णा पूनिया से पूछताछ की थी। 23 मई को विश्नोई का शव उनके आवास की छत से लटकता पाया गया था। हालांकि, राजस्थान सरकार ने इस मामले की जांच
सीबीआई को सौंपी थी।
राजस्थान विवाद शुरू होने के कुछ दिन बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी पर छापेमारी की थी। एक आभूषण कंपनी के जयपुर
सहित चार शहरों में मौजूद ठिकानों पर छापे मारे गए थे। आयकर विभाग ओम कोठारी समूह के साथ-साथ राजीव अरोड़ा के आम्रपाली कार्यालय पर भी छापा मारा
था। राजीव अरोड़ा राज्य कांग्रेस कार्यालय के सदस्य हैं।

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