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खेती का खून : जावड़ेकर का राहुल पर पलटवार, पूछा- 84 में सिखों का जनसंहार नहीं हुआ था क्या?

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नई दिल्ली ,एजेंसी। किसान आंदोलन को लेकर अब सियासी वार-पलटवार तेज हो गए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को खेती का खून शीर्षक से बुकलेट जारी कर केंद्र सरकार को घेरा। इस पर केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पलटवार करते हुए कहा-‘आप खेती के खून‘ की बात कर रहे हो, लेकिन 1984 के सिख नरसंहार का क्या?
जावड़ेकर ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से यह भी पूछा कि-1984में दिल्ली में 3000 सिख जिंदा जलाए गए थे, क्या वह जनसंहार नहीं था? कांग्रेस राज में लाखों किसानों ने खुदकुशी की, क्या तब उनके शरीर में खून नहीं था?
इससे पहले राहुल गांधी ने प्रेस कन्फ्रेंस में षि कानूनों पर खेती का खून तीन काले कानून नाम से बुकलेट जारी की। खेती में एकाधिकार का सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि आज तक षि क्षेत्र का फायदा किसानों और मजदूरों को मिलता था। एक ढांचा था जिसमें मंडिया, आवश्यक वस्तु अधिनियम व अन्य कानून शामिल थे। नए षि कानून से तीन-चार लोगों के हाथों में देश की पूरी खेती का ढांचा चला जाएगा। देश को सिर्फ कुछ लोग चला रहे हैं। चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने दावा किया, हवाई अड्डों, बुनियादी ढांचे, दूरसंचार, रिटेल और दूसरे क्षेत्र में हम देख रहे हैं कि बड़े पैमाने पर एकाधिकार स्थापित हो गया है। तीन-चार पूंजीपतियों का एकाधिकार है। ये तीन-चार लोग ही प्रधानमंत्री के करीबी हैं और उनकी मदद करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि षि क्षेत्र अब तक एकाधिकार से अटूता था, लेकिन अब इसे भी निशाना बनाया जा रहा है। ये तीनों कानूनों इसीलिए लाए गए हैं।

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