कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने हेतु प्रेरित किया
जयन्त प्रतिनिधि।
चमोली। मुख्य विकास अधिकारी हंसा दत्त पांडे ने एआईसी के जिला प्रबंधन एवं मुख्य कृषि अधिकारी व मुख्य उद्यान अधिकारी को अधिक से अधिक किसानों को योजना से आच्छादित करने हेतु निर्देश देते हुए वैठक में उपस्थित सभी कृषको के साथ-साथ जनपद के समस्त कृषको से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने हेतु आवेदन करने की अपील की। साथ ही भविष्य में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से लाभानवित होने हेतु सभी कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने हेतु भी प्रेरित किया गया।
भारत सरकार की महत्वाकांशी योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पांच सफल वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में जनपद स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी हंसा दत्त पांडे की अध्यक्षता में हैश टैग फसल बीमा 4 सफल किसान के साथ 5वीं वर्षगांठ समारोह आयोजित किया गया। बैठक की शुरुआत करते हुए मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. रोहित बिस्ट ने योजना के विषय में बताते हुए कहा कि योजना के सफल 5 वर्ष पूर्ण होने पर समारोह को जनपद स्तर पर आयोजित किये जाने के साथ सभी विकासखंड मुख्यालय में 14 जनवरी 2021 को आयोजित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की गाइड लाइन के प्रत्येक घटक एवं पहलू के विशेष में विस्तार से चर्चा करते हुए डॉ. जितेंद्र भास्कर, सहायक कृषि अधिकारी वर्ग-1 ने बताया कि हर साल प्राकृतिक आपदा के चलते किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। बाढ़, आंधी, ओले और तेज बारिश से उनकी फसल खराब हो जाती है। उन्हें ऐसे संकट से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की है। इसे 13 जनवरी 2016 को शुरू किया गया था। इसके तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिये 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए ऑफलाइन (बैंक जाकर) और दूसरा ऑनलाइन दोनों तरीके से आवेदन किया जा सकता है। फॉर्म को ऑनलाइन भरने के लिए लिंक पर विजिट कर सकते हैं। अगर आप फॉर्म ऑफलाइन लेना चाहते हैं तो नजदीकी बैंक की शाखा में जाकर फसल बीमा योजना का फॉर्म भर सकते हैं। किसान की एक फोटो, किसान का आईडी कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड) किसान का एड्रेस प्रूफ (ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड) अगर खेत आपका अपना है तो इसका खसरा नंबर/खाता नंबर का पेपर, खेत में फसल की बुवाई हुई है, के सबूत के रूप में किसान पटवारी, सरपंच, प्रधान जैसे लोगों से लिखा पत्र तथा अगर खेत बटाई या किराए पर लेकर फसल की बुवाई की गयी है। तो खेत के मालिक के साथ करार की कॉपी की फोटोकॉपी की आवश्यकता होती है।
एग्रीकल्चर इन्सुरेंस कंपनी से आये अग्निहोत्री ने बताया कि वर्ष 2019 खरीफ में बीमित 312 कृषको में से कुल जमा प्रीमियम 2.51 लाख के सापेक्ष 42 कृषकों को 3.53 लाख का भुगतान क्लेम के रूप में किया गया तथा रबी 2019.20 में कोई आवेदन क्लेम हेतु प्राप्त नहीं हुआ था। वर्ष 2020 खरीफ में 528 कृषको द्वारा बीमा कराया गया, जिनमें से क्लेम हेतु 24 आवेदन प्राप्त हुए है जिनको माह मार्च तक क्लेम निर्गत कर दिया जाएगा तथा रबी 2020-21 में 235 कृषकों द्वारा बीमा कराया गया है।