कोटद्वार में खुले में जल रहा कूड़ा, उड़ रहीं एनजीटी के आदेशों की धज्जियां
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। एनजीटी की रोक के बावजूद भी कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में खुल्ले में कूड़ा जलाया जा रहा है। सोमवार को तहसील परिसर में लगे कूड़ेदान में ही कूड़े में आग लगा दी गई। इसके अलावा भी शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर में आग लगा दी जा रही है। इससे जहां पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, वहीं लोगों को भारी दिक्कतोें का सामना करना पड़ रहा है।
एनजीटी की ओर से खुले में कूड़ा जलाने पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद कई क्षेत्रों में कूड़ा जलाने की गतिविधियों में कमी नहीं आई है। जुर्माने और सजा के प्रावधान भी इन पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। अब इसे लागू करने के लिए जिम्मेदार विभागों की लापरवाही कहें या लोगों की उदासीनता, लेकिन कूड़े और रासायनिक तत्वों में लगने वाली आग से पर्यावरण को पहुंचने वाले नुकसान का अंदाजा लगाया जा सकता है। पर्यावरण संरक्षण और दूषित वायु के बढ़ते प्रकोप को कम करने के लिए आवश्यक है कि कूड़े की आग को खत्म किया जाए। कोटद्वार शहर में खुल्लेआम कूड़े को जलाया जा रहा है। जिम्मेदार इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है। कूड़ा जलाने की गतिविधियां न सिर्फ ग्रामीण इलाकों बल्कि शहरी क्षेत्र में भी धड़लले से जारी है। कॉलोनियों से लेकर अन्य सार्वजनिक स्थानों पर इस मामले को लेकर गंभीरता से एनजीटी के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में तो इन आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। सोमवार को तहसील परिसर में स्थित कूड़ेदान के अंदर ही कूड़े में आग लगा दी गई। वहीं कंडारी कॉलोनी में भी सड़क किनारे कूड़े पर आग लगा दी गई। धुएं के साथ बदबू के फैलने से यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के साथ ही लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है। इससे लोगों को श्वांस और त्वचा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। केमिकल के घोल और कचरे में अक्सर रबर, टायर और प्लास्टिक जैसे तत्व होते हैं, जिन्हें जलाने पर बड़ी मात्रा में काला धुआं निकलता है।
क्या कहते है नगर आयुक्त
नगर निगम कोटद्वार के नगर आयुक्त पीएल शाह का कहना है कि नगर निगम की ओर से कूड़े पर आग नहीं लगाई जा रही है। अगर बाहरी व्यक्तियों ने आग लगाई होगी तो इसकी जांच की जाएगी, दोषी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।