कोटद्वार नगर निगम बिना ढ़के वाहनों से ढ़ो रहा कूड़ा, पर्यावरण में फैला रहा जहर, ठेंगे पर आदेश, खुला ले जा रहे कूड़ा
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। नगर में सफाई के लिए नगर निगम द्वारा लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। बावजूद इसके कचरा लोगों के मुंह पर ही पड़ रहा है। कचरा वाहन कचरे को बिना ढके ले जाते हैं। जहां खुले में जा रहा कचरा उड़ता हुआ पीछे चलने वाले वाहन चालक और राहगीरों के मुंह पर आता है। वहीं पर्यावरण को भी प्रदूषित कर रहा है। क्योंकि वाहन कचरा उठाने के साथ रास्ते में फैलाते हुए भी जा रहे हैं। जबकि बार-बार कचरे को ढंककर ले जाने के निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं देता है।
पूर्व में नगर पालिका में 11 वार्ड थे। उक्त वार्डों के कूड़ा निस्तारण के लिए खोह नदी किनारे अस्थाई रूप से टेंचिंग ग्राउण्ड बनाया गया। वर्ष 2018 में प्रदेश सरकार ने कोटद्वार भाबर की करीब 35 ग्राम पंचायतों को नगर पालिका में शामिल कर नगर निगम बनाकर 40 वार्ड बनाये। नगर के 40 वार्डों में रोजाना बड़ी मात्रा में कूड़ा जमा होता है। नगर निगम प्रशासन की ओर से सभी वार्डों से डोर-टू-डोर कूड़ा उठाया जाता है। सफाई कर्मचारी छोटे वाहन या ट्राली लेकर गली-गली जाते हैं। इसके बाद कूड़े को खोह नदी किनारे स्थित टेंचिंग ग्राउण्ड में ले जाया जाता है। वाहनों में बिना तिरपाल से ढके ही कूड़ा ले जाया जा रहा है। नतीजा ब्रेक लगने या गड्ढे में वाहन फंसने पर पीछे चल रहे लोगों पर गंदगी गिर जाती है। नगर में कूड़े के निस्तारण की व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पा रही। ऐसा नहीं है कि अधिकारी इससे अनजान हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। नगरवासियों का कहना है कि नगर निगम के अधिकारियों को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक जिस वाहन में कूड़ा ले जाया जाए, वह ढका होना चाहिए, लेकिन शहर में कूड़े को खुले में ढोया जा रहा है। कूड़ा ढोने में करीब 36 वाहन लगे हुए हैं। नगर आयुक्त पीएल शाह का कहना है कि कूड़े को ढक कर ले जाने का प्रावधान है। जल्द ही कूड़ा वाहनों के लिए तिरपाल की व्यवस्था की जाएगी।
ठेंगे पर आदेश, खुला ले जा रहे कूड़ा
नगर निगम को सुप्रीम कोर्ट का डर भी नहीं है, शायद इसीलिए रोक के बाद भी वाहनों में बिना तिरपाल से ढके ही कूड़ा ले जाया जा रहा है। नतीजा ब्रेक लगने या गढ्डे में वाहन फंसने पर पीछे चल रहे लोगों पर गंदगी गिर जाती है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश हैं कि कूड़े को खुले वाहनों में न ले जाकर तिरपाल से ढककर ले जाएं। इसके बाद भी नगर निगम के वाहन धड़ल्ले से खुला कूड़ा लेकर जा रहे हैं जो रास्ते भर गिरता जाता है। कूड़ा गाड़ी के पीछे चल रहे वाहन सवारों का सांस लेना दूभर हो जाता है। अक्सर कूड़ा उनके कपड़ों पर गिर जाता है।