लद्दाख में तनातनी के बीच चीन ने कहा- चाहता हूं भारत संबंधों की बड़ी तस्वीर को देखे
बीजिंग, एजेंसी। चीन जहां एक तरफ पूर्वी लद्दाख में कुछ जगहों से अभी भी पीटे हटने को तैयार नहीं है तो वहीं दूसरी तरफ वह उल्टा भारत को संबंधों को पटरी पर लाने के लिए मिलकर काम करने की बात कह रहा है। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेख पर जारी तनाव और पिछले करीब पांच दशक में सबसे बुरे नई दिल्ली-बीजिंग संबंधों के बीच चीन के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत को द्विपक्षीय संबंधों की श्बड़ी तस्वीरश् को देखना चाहिए।
चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा, संबंधों को पटरी पर लाने के लिए भारत को चीन के साथ मिलकर काम करना चाहिए। नई दिल्ली को गलत आकलन को नजरअंदाज करना चाहिए।
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सीमा के बाकी मुद्दों को सही तरीके से हैंडल करने की आवश्यकता है। उन्होंने संकेत देते हुए कहा कि जैसा कि चीन के विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा कि पूर्वी लद्दाख में टकराव स्थल वाली जगहों से विवाद का निपटारा होना अभी बाकी है।
वु चीनी रक्षा मंत्रालय के मासिक प्रेस कन्फ्रेंस के दौरान गुरुवार को बोल रहे थे और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों के बीच बनी स्थिति को लेकर पूटे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वु के बयान को इसके आधिकारिक सैन्य वेबसाइट में प्रकाशित किया गया है और वर्तमान में पिछले कई दशकों में सबसे बुरे संबंध को बेहतर करने का दायित्व भारत पर छोड़ा गया है।
कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक बातचीत के कारण बावजूद अप्रैल से पहले की यथास्थिति बहाल नहीं की जा सकी है। एलएसी पर सैनिकों के बीच 15 जून को गालवान घाटी में हुए हिंसक टकराव में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे जबकि चीन के करीब 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन ने अपने सैनिकों के मरने का आंकड़ा नहीं बताया।
वु के बयान का संदर्भ दिया है, जिसमें उन्होंने कहा, ़.़द्विपक्षीय संबंधों की बड़ी तस्वीर को दिमाग में रखते हुए सीमा मुद्दे को इस बड़ी तस्वीर में उचित स्थान पर रखते हुए गलतफहमी से बचें, विवादों को आगे न बढ़ने दें और द्विपक्षीय संबंधों की सामान्य बहाली की दिशा में सही कदम उठाएं।