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लैंसडौन कैंपा विवाद : सीईओ सुहाग पहुंचे कोटद्वार, जांची फाइलें

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-सीईओ लेटर बम प्रकरण को लेकर भड़के अधिकारियों पर
-लैंसडौन वन प्रभाग के पूर्व डीएफओ दीपक सिंह ने वन विभाग के मुखिया को पत्र भेज कैंपा के कार्यों को लेकर उठाए थे सवाल
-शासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बैठाई है जांच, सीईओ सुहाग को भेजा जा चुका है नोटिस, कई बिंदुओं पर भी मांगा गया था जवाब
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : लैंसडौन, कालागढ़ समेत अन्य वन प्रभागों में कैंपा के अंतर्गत हुए कार्यों में गड़बड़ी की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए शासन ने मामले में उच्च स्तरीय जांच बैठाई है। जिसके तहत प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैंपा) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जेएस सुहाग को शासन ने कारण बताओ नोटिस भेजा था। सुहाग की ओर से नोटिस का जवाब देने के बाद शासन ने उनसे कई बिंदुओं पर जवाब मांगे। मंगलवार को सीईओ जेएस सुहाग लैंसडौन वन प्रभाग के पनियाली गेस्ट हाउस में पहुंचे और सूत्रों के अनुसार उन्होंने यहां कैंपा के तहत हुए कार्यों की रिपोर्ट तलब की। इस दौरान उन्होंने समाचार पत्रों व सोशल मीडिया पर वायरल हुए ‘लेटर बम’ को लेकर भी अधिकारियों को फटकार लगाई। हालांकि, प्रेस की ओर से सवाल करने पर उन्होंने अपने कोटद्वार आगमन को सामान्य बताया और पनियाली गेस्ट हाउस में हुई बैठक को रूटीन बैठक बताया।
बता दें कि लैंसडौन, कालागढ़ समेत अन्य वन प्रभागों में कैंपा के अंतर्गत हुए कार्यों में गड़बड़ी की लगातार शिकायतें आ रही थीं। ये बात भी सामने आई कि कई मामलों में कैंपा से धनराशि मिलने की प्रत्याशा में कार्य शुरू करा दिए गए। वह भी तब जबकि इस बारे में कोई वित्तीय व प्रशासकीय स्वीकृति नहीं थी। इस सिलसिले में कुछ विधायकों के साथ ही अन्य माध्यमों से शासन को शिकायतें मिली थीं। जिस पर शासन ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए जांच बैठाई। इस बीच लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ दीपक सिंह को अवैध खनन न रोक पाने और तमाम अन्य अनियमितताओं के आरोप में मुख्यालय अटैच कर दिया गया। जिस पर डीएफओ ने वन विभाग के मुखिया को पत्र लिख अवैध खनन के आरोपों को निराधार बताया। साथ ही कैंपा के कार्यों को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने उल्लेख किया था प्रभाग में कैंपा के अंतर्गत नदी पुनर्जीवीकरण के लिए स्वीकृत 2.51 करोड़ की धनराशि के भुगतान को राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा था।

डीएफओ की ओर से भेजा गया पत्र ‘लेटर बम’ के नाम से हुआ था वायरल
बता दें कि लैंसडौन वन प्रभाग से डीएफओ दीपक सिंह को हटाने के बाद उन्होंने वन विभाग के मुखिया को जो पत्र भेजा वह समाचार पत्रों व सोशल मीडिया पर ‘लेटर बम’ के नाम से खूब वायरल हुआ था। इस पत्र में डीएफओ ने कैंपा के तहत हुए कार्यों में कई अनियमितताओं के आरोप लगाए थे। साथ ही पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत पर भी राजनीतिक दबाव बनाने समेत अन्य आरोप लगाए थे।

लैंसडौन विधायक दिलीप रावत ने सीएम को पत्र भेज की थी शिकायत
इस बीच विधायक दिलीप रावत ने भी मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर लैंसडौन व कालागढ़ वन प्रभाग में विभिन्न कार्यों में अनियमितता की शिकायत की थी। विधायक रावत ने टाइगर सफारी, दीवार निर्माण, भवन निर्माण के नाम पर करोड़ों के कार्य नियमों को ताक पर रखकर करवाने का आरोप लगाया। पत्र में यह भी कहा गया कि लैंसडौन के पूर्व डीएफओ दीपक सिंह ने भी राजनीतिक हस्तक्षेप और कार्यों में अनियमितता का आरोप लगाया। विधायक ने इस सबको देखते हुए प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई थी।

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