कोटद्वार-पौड़ी

लक्ष्मण-परशुराम संवाद ने किया मंत्रमुग्ध

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : श्री रामलीला कमेटी दुगड्डा की ओर से आयोजित रामलीला के पांचवें दिन सीता स्वयंवर का भव्य मंचन किया गया। श्रीरामलीला मंचन मनमोहक दृश्यों के बीच धनुष यज्ञ, परशुराम-लक्ष्मण संवाद लीला का मंचन किया। परशुराम के क्रोध व लक्ष्मण के हठ को देखकर श्रोता भाव विभोर हो गए। पूरा रामलीला परिसर भगवान श्रीराम व सीता के जयकारों से गूंज उठा। परशुराम-लक्ष्मण संवाद देखने को देर रात तक दर्शक जमे रहे।
लीला का शुभारंभ सामाजिक कार्यकर्ता आशीष नेगी ने द्वीप प्रज्जवलित कर किया। पांचवें दिन की लीला के अंतर्गत भगवान राम और लक्ष्मण का मुनि विश्वमित्र से जनकपुरी भ्रमण की आज्ञा मांगना, दोनों भाइयों का जनकपुरी भ्रमण करना, माता सीता का देवी मंदिर में पूजा अर्चना करना, राम लक्ष्मण का फूल लेने मंदिर के समक्ष पहुंचना और सीता को निहारना, राजा जनक दरबार और सीता स्वयंवर, बड़ी संख्या में राजाओं का स्वयंवर में पहुंचना, राम लक्ष्मण का स्वयंवर में पहुंचना, रावण-बाणासुर संवाद व उनका धनुष तोड़ने का प्रयास करना, सभी राजाओं का धनुष तोड़ने में असफल होने के बाद राजा जनक का व्यथित होना, तत्पश्चात भगवान श्रीराम का धनुष तोड़ना और माता सीता का उनको वरमाला पहनाना और परशुराम लक्ष्मण संवाद तक की लीला का मंचन किया गया। लीला का आनंद लेने के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे। लीला को सफल बनाने में प्रदीप बडोला, नितेश ठाकुर, बबली बिष्ट आदि ने भी सहयोग दिया।

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