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लिब्बरहेड़ी एवं इकबालपुर चीनी मिल में गन्ने की आपूर्ति को लेकर किसानों में भ्रम की स्थिति

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-गन्ना पर्चियों को लेकर गड़बड़ाने लगा सिस्टम
रुड़की। लिब्बरहेड़ी एवं इकबालपुर चीनी मिल में गन्ने की आपूर्ति को लेकर किसानों में भ्रम की स्थिति बनी है। पहले लिब्बरहेड़ी के क्रय केंद्र आवंटित कराए, अब इकबालपुर में गन्ना डाल रहे है। इससे गन्ना विभाग के अफसर भी परेशान हैं। वहीं किसानों के पास पर्चियां भी नहीं पहुंच पा रही हैं।
गन्ने का पेराई सत्र शुरू हो चुका है। इस समय जिले के 77 हजार किसानों का जोर इस बात पर है कि जल्द से जल्द पेडी गन्ने की कटाई कर गेहूं की बुआई की जाए। अभी जिले में गेहूं की बुआई भी 40 फीसद ही हुई है। वहीं लिब्बरहेड़ी एवं इकबालपुर चीनी मिल को गन्ना आपूर्ति करने को लेकर किसानों का भ्रम अभी तक दूर नहीं हो पाया है। अक्टूबर में गन्ना विभाग ने किसानों के प्रस्ताव पर क्रय केंद्र आवंटित कर दिए थे। अब अधिकांश किसान इकबालपुर मिल को गन्ने की आपूर्ति का प्रस्ताव दे रहे हैं। इसकी वजह से गन्ना विभाग का कैलेंडर सिस्टम भी गड़बड़ा रहा है। सहायक गन्ना आयुक्त शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि संशोधन की वजह से परेशानी आ रही है। उम्मीद है कि एक सप्ताह में भ्रम की स्थिति दूर हो जाएगी।
किसानों ने हाडा बढ़ाने की मांग उठाई: झबीरण गांव में लिब्बरहेड़ी चीनी मिल के गन्ना प्रबंधक सुनील मलिक पहुंचे। यहां पर किसानों ने बताया कि चीनी मिल की ओर से ट्राली, बुग्गी का जो वजन निर्धारित किया है वह कम है। कम से कम बुग्गी पर किसान का 25 कुंतल गन्ना तोला जाना चाहिए। वहीं कई किसानों ने बताया कि अगेती प्रजाति के नाम पर केवल 0 238 की खरीद ही की जा रही है।
किसानों की होगी औचक आइडी चेक: गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल को इस बात की जानकारी मिली है कि कुछ स्थानीय किसानों की पर्चियों पर उत्तर प्रदेश का गन्ना चीनी मिल में आपूर्ति किया जा रहा है। सख्ती के बावजूद गन्ना माफिया सक्रिय है। इस पर गन्ना आयुक्त ने निर्देश दिए कि चीनी मिल के यार्ड में औचक निरीक्षण किया जाए। किसानों की आइडी भी चेक की जाए। बाहर का गन्ना किसी भी कीमत पर नहीं खरीदा जाएगा।

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