कोटद्वार-पौड़ी

शोपीस बनी लिथोट्रिप्शी मशीन, निंद में स्वास्थ्य महकमा

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पिछले दो वर्षों से चिकित्सालय में खराब पड़ी है लिथोट्रिप्शी मशीन
मरीजों की सुविधा के लिए तीन करोड़ की लागत से लगवाई गई थी मशीन
शिकायत के बाद भी जिम्मेदारियों को लेकर लापरवाह बना है विभाग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: बेस चिकित्सालय में आने वाले मरीजों की सुविधा के लिए तीन करोड़ की लागत से लगाई गई लिथोट्रिप्सी मशीन पिछले दो वर्षो से खराब पड़ी हुई है। मरम्मत के अभाव में मशीन केवल शोपीस बनकर रह गई है। ऐसे में गुर्दें में पथरी के मरीजों को उपचार के लिए अन्य शहरों में भटकना पड़ रहा है। शिकायत के बाद भी स्वास्थ्य महकमा मशीन मरम्मत की सुध नहीं ले रहा।
बता दें कि वर्ष 2016 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय से कोटद्वार के बेस चिकित्सालय को करीब तीन करोड़ की लागत से लिथोट्रिप्सी मशीन आवंटित की गई। इस मशीन के जरिये गुर्दे की पथरी वाले मरीजों का उपचार बिना चीरफाड़ के किया जाता है। फरवरी 2020 तक इस मशीन के जरिये 63 मरीजों की पथरी का उपचार हुआ। कोविड काल में मशीन से उपचार बंद हो गए और कोविड संक्रमण काल समाप्त होने के बाद जब मशीन को पुन: शुरू किया गया तो मशीन ने कार्य करना बंद कर दिया। चिकित्सालय प्रशासन ने संबंधित कंपनी से वार्ता की। कंपनी प्रबंधन ने वारंटी समय पूर्ण होने के कारण मरम्मत से इन्कार कर दिया। साथ ही मशीन की मरम्मत के लिए व्यापक रखरखाव अनुबंध (सीएमसी) करने संबंधी प्रस्ताव चिकित्सालय प्रशासन को भेज दिया।
धनराशि नहीं हो रही अवमुक्त
चिकित्सालय प्रशासन को भेजे व्यापक रखरखाव अनुबंध (सीएमसी) प्रस्ताव में कंपनी ने चिकित्सालय प्रबंधन से साढ़े सोलह लाख रुपये की मांग की है। इस धनराशि से कंपनी वर्ष भर मशीन में आने वाले तकनीकि समस्याओं का निराकरण करेगी। चिकित्सालय प्रशासन ने यह प्रस्ताव महानिदेशक कार्यालय में भेज दिया। आज तक महानिदेशक कार्यालय से प्रस्ताव पर हरी झंडी दिखाते हुए धनराशि अवमुक्त नहीं की गई है।

ऐसे काम करती है लिथोट्रिप्सी मशीन
चिकित्सालय में लगाई गई लिथोट्रिप्सी मशीन के जरिये गुर्दे की पथरी को बगैर चीर-फाड़ के बाहर निकाला जाता है। करीब तीन करोड़ की लागत वाली इस मशीन से निकलने वाली ध्वनि तरंगों से गुर्दे की पथरी टूट जाती है और बाद में पथरी के बारीक कण पेशाब नली के रास्ते बाहर निकल जाते हैं।

चिकित्सालय की ओर से महानिदेशक कार्यालय को इस संबंध में लगातार पत्र भेजे जा रहे हैं। कहा कि संबंधित कंपनी से अनुबंध होने के बाद मशीन की मरम्मत हो जाएगी… डॉ.केआर आदित्य, प्रमुख अधीक्षक, बेस चिकित्सालय

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