लाउडस्पीकर विवाद, तय सीमा से अधिक आवाज पर होगी कार्रवाई, कर्नाटक के गृह मंत्री ने दी सख्त चेतावनी
बेंगलुरु, एजेंसी। कर्नाटक में लाउडस्पीकर विवाद के बीच राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने राज्य के धार्मिक संस्थानों को लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर नोटिस जारी किया है। नोटिस की अवहेलना करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
कर्नाटक में कई संगठनों ने मस्जिदों में अजान के लिए तेज आवाज में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कहा है कि इस तरह की नीति को लागू करने से राज्य में भारतीय जनता पार्टी का अंत हो जाएगा। कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने भी राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि अजान मामले में मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है।
बेंगलुरु पुलिस ने 301 मस्जिदों, मंदिरों, चर्चों और अन्य प्रतिष्ठानों को लाउडस्पीकर का उपयोग अनुमेय डेसिबल स्तर के भीतर करने के लिए नोटिस जारी किया। 301 नोटिसों में से 59 पब, बार और रेस्तरां को, 12 उद्योगों को, 83 मंदिरों को, 22 चचरें को और 125 शहर भर में मस्जिदों को दिए गए हैं।
आइएएनएस के अनुसार मंदिरों और धार्मिक मेलों में मुस्लिम व्यापारियों पर प्रतिबंध की मांग के बाद हिंदू संगठनों ने एक और अभियान शुरू किया है। भारत रक्षा वेदिके के प्रशांत बंगेरा ने शुक्रवार को हिंदुओं से अपील की कि वे तीर्थ यात्रा के लिए मुस्लिम ड्राइवरों को अपने साथ न ले जाएं। उन्होंने मुस्लिम परिवहन कंपनियों के स्वामित्व वाले वाहनों का उपयोग नहीं करने का भी आह्वान किया। श्री राम सेना ने इस आह्वान का समर्थन किया।
प्रेट्र के अनुसार कर्नाटक के कुछ दक्षिणपंथी संगठन कई ब्रांडों द्वारा उत्पादों के लेबल पर हलाल का प्रमाण प्रदर्शित करने को लेकर विरोध कर रहे हैं। इन संगठनों ने कहा कि उनका अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक उत्पादों पर इस तरह के प्रमाणन के प्रदर्शन पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाता।
हिंदू जनजागृति समिति के राज्य प्रवक्ता मोहन गौड़ा द्वारा साझा की गई सूची में आइआरसीटीसी, एयर इंडिया, महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम के अलावा चिकन उत्पाद, शीतल पेय, आटा और चाकलेट ब्रांड शामिल हैं।
गौड़ा ने कहा, हम हलाल प्रमाणीकरण के खिलाफ कानूनी सहारा लेने जा रहे हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने किसी को भी हलाल प्रमाणपत्र जारी करने के लिए अधित नहीं किया है, लेकिन फिर भी कंपनियां छह निकायों से संपर्क करती हैं जो प्रमाण पत्र जारी करती हैं।