नहीं रहे 1962,1965,1971 की लड़ाई लड़ने वाले योद्धा पंतवाल
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। 1962,1965,1971 के योद्धा कैप्टन रामकृष्ण पंतवाल का निधन 11 जनवरी 2021 को कार्डियेक अरेस्ट के कारण देहरादून के एक निजी अस्पताल में हुआ। राम कृष्ण अपने पीछे भरपूर परिवार छोड़ गए हैं।
रामकृष्ण जन्म 18 जुलाई 1932 को पौड़ी जनपद के सैली गांव में हुआ था। बचपन में ही पिता का साया उठ गया था, किन्तु उनकी माता शहोदरा देवी ने उन्हें बड़े जतन से पाला पोषा। पास के गांव में उनका ननिहाल बलूनी गांव था तो मामा गजाधर बलूनी ने शिक्षा कोटद्वार में दी। मामा भांजे को पढ़ा लिखाकर बड़ा ऑफिसर देखना चाहते थे, किंतु उनकी इच्छा तो एक फौजी बनने का था और बंगाल इंजीनियरिंग रुड़की में भर्ती हो गए। उसके बाद तो तीन जंग 1962, 1965, 1971 भी दुश्मन देशों के साथ लड़ी। कैप्टन रामकृष्ण 1978 में सेना से सेवा निवृत होने के बाद वो सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने लगे। वो कई सामाजिक कार्यों सहित सड़क, शिक्षा या स्वास्थ्य का मामला हो में बढ़ चढकर भाग लिया करते थे कृषि एवं बागवानी में भी काफी दिलचस्पी दिखाते थे। जय जवान जय किसान का नारा को चरितार्थ करते थे। कैप्टन राम कृष्ण बहुत ही अनुशासन प्रिय, स्पष्ट वादी, आकर्षक व्यक्तित्व एवं दयालु किस्म के व्यक्ति थे। उनके निधन से आहत कल्जीखाल ब्लॉक के पूर्व प्रमुख सुरेन्द्र सिंह नेगी ने उन्हें अपने क्षेत्र की शान बताया। प्रमुख द्वारीखाल महेंद्र सिंह राणा ने उनके घर जाकर उनके परिवार को ढाढस बंधाया। प्रमुख महेन्द्र राणा ने कैप्टन रामकृष्ण द्वारा किए गए सामजिक कार्यों को याद किया। इसके अलावा गिरीश नैथानी, अशोक रावत आदि लोगो ने उनके निधन पर दु:ख प्रकट किया।