उत्तराखंड

महान योद्घा थे महाराणा प्रताप-पंडित अधीर कौशिक

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श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े ने मनायी महाराणा प्रताप जयंती
हरिद्वार। श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक के संयोजन में अखाड़े के सदस्यों ने श्री परशुराम घाट पर महाराणा प्रताप की जयंती मनायी। इस अवसर पर सभी को महाराणा प्रताप जयंती की बधाई देते हुए पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि महाराणा प्रताप मेवाड़ के महान राजा थे। सोलहवी शताबदी के राजपूत शासको मे सिर्फ महाराणा प्रताप ही ऐसे शासक थे जो अकबर को लगातार टक्कर देते रहे। महाराणा प्रताप युद्घ् में जाने से पहले जो कवच अपनी छाती पर लगाते थे उसका वजन ही 72 किलो था। युद्घ में अपनें दुश्मनों को धूल चटाने के लिए वह जिस भाले का इस्तेमाल करते थे उसका वजन 82 किलो होता था। महाराणा प्रताप की ढाल, भाला, कवच और तलवारों सब का वजन अगर मिला दें तो वह लगभग 208 किलो था। एक ऐसा शूरवीर और बलवान योद्घा जिसके सपने देख कर ही दुश्मन डर जाता था। जिन्होने एक नही ना जाने कितनी बार मुगलो को धूल चटाई। हल्दीघाटी उनके शौर्य और वीरता की गाथा खुद कहती है। उनका घोड़ा चेतक भी स्वामीनिष्ठा की अदूभूत मिसाल था। उनकी जयंती पर सभी अपने घरो में दीप जलाए और अपने बच्चो को उनके बारे में बताए। अपने स्वर्णिम इतिहास के बारे में बताए। जिससे उनको सीख मिले और वे अपने कार्य क्षेत्र में बेहतर बने। उनकी निर्णायक क्षमता बढ़े और धर्म-अर्धम का सही ज्ञान प्राप्तउ कर वे अपने जीवन में सही मार्ग चुनने में समर्थ हो सके।

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