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गुजरात के हाथों महाराष्ट्र ने गंवाई एक और निवेश डील, शिंदे पर हमलावर हुई टीम ठाकरे

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मुंबई, एजेंसी। गुजरात के हाथों महाराष्ट्र ने कथित तौर पर एक और बड़ी निवेश डील गंवा दी है। दरअसल गुजरात में 22,000 करोड़ रुपये की हवाई जहाज निर्माण इकाई स्थापित होने जा रही है। उद्घव गुट का कहना है कि पहले ये निर्माण इकाई महाराष्ट्र में स्थापित होनी थी। अब इस मुद्दे को लेकर उद्घव गुट शिंदे और भाजपा पर हमलावर है। शिवसेना के उद्घव ठाकरे की अगुवाई वाले धड़े और कांग्रेस ने राज्य में शिंदे-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की आलोचना करते हुए सवाल किया कि यह परियोजना महाराष्ट्र के हाथ से कैसे निकल गई। आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि निवेशकों को एकनाथ शिंदे-भारतीय जनता पार्टी सरकार पर भरोसा नहीं है।
उद्घव गुट के प्रवक्ता अरविंद सावंत ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, ष्अब हास्यास्पद और झूठे बहाने बनाए जा रहे हैं।ष् उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार सत्तारूढ़ गठबंधन में बहुमत वाली भाजपा की ष्गुलामष् है। लोकसभा सदस्य सावंत ने दावा किया, ष्जिस तरह से वे अतीत और वर्तमान में काम करते रहे हैं, वह दिखाता है कि केंद्र और भाजपा महाराष्ट्र के खिलाफ हैं।ष्
उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के विकास के लिए महाराष्ट्र सबसे अनुकूल राज्य है। मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी है। यह दुनिया जानती है। फिर भी, वे इसकी छवि को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। टाटा-एयरबस परियोजना के अलावा, उन्होंने सेमी-कंडक्टर चिप्स के निर्माण के लिए वेदांत-फक्सकन डील का भी उल्लेख किया। गौरतलब है कि पिछले महीने वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रनिक कंपनी फक्सकन की संयुक्त सेमीकंडक्टर परियोजना गुजरात में स्थापित करने की घोषणा के बाद महाराष्ट्र में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था। पहले यह परियोजना पुणे शहर के समीप स्थापित की जानी थी।
उद्घव गुट के प्रवक्ता ने कहा, पीएम (नरेंद्र मोदी) ने कहा था कि महाराष्ट्र को एक बड़ी परियोजना दी जाएगी हमें गुजरात के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। हम चाहते हैं कि इसका भी विकास हो। लेकिन क्या देश में कोई दूसरा राज्य नहीं है? उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि यह गुजरात में इस साल के अंत तक होने वाले चुनावों के कारण हो रहा है।
इस बीच महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने शुक्रवार को दावा किया कि गुजरात में टाटा-एअरबस सी-295 परिवहन विमान परियोजना स्थापित करने के सौदे पर केंद्र ने पिछले साल सितंबर में हस्ताक्षर किए थे जब राज्य में महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार सत्ता में थी। राज्य के उद्योग मंत्री ने इस परियोजना पर ‘‘भ्रम’’ पैदा करने के लिए विपक्ष की आलोचना भी की। सामंत ने कहा कि गुजरात में विमान विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर केंद्र ने सितंबर 2021 में हस्ताक्षर किए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘चाहे वेदांता-फक्सकन परियोजना हो या टाटा-एअरबस परियोजना हो, इन परियोजना को कहां स्थापित किया जाए, इसका फैसला जून में राज्य में इस (एकनाथ शिंदे नीत) सरकार के सत्ता में आने से पहले लिया गया था। विपक्ष लोगों के बीच भ्रम फैलाने के अलावा और कुछ नहीं कर रहा है।’’
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि निवेशकों को एकनाथ शिंदे-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर भरोसा नहीं है और इसलिए राज्य से बाहर परियोजनाएं जा रही हैं। ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि निवेशकों को ‘खोके सरकार’ पर विश्वास नहीं है।
शिवसेना (उद्घव बालासाहेब ठाकरे) नेता ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि जून में कार्यभार संभालने के बाद वह निवेश के लिए दूसरे राज्यों में जाने के बजाय राजनीतिक सभाओं को संबोधित करने में व्यस्त हैं। वह सी-295 सैन्य विमान बनाने के लिए 22,000 करोड़ रुपये की परियोजना के वास्ते एयरबस और टाटा कंसोर्टियम द्वारा गुजरात के वडोदरा को चुनने की पृष्ठभूमि में यहां संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

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