सुरक्षा में बड़ी चूक: पकड़े गए आरोपियों ने बताया- संसद के अंदर क्यों कूदे, गेट पर लगे डीएफएमडी 10-15 साल पुराने
नई दिल्ली, एजेंसी। संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोपी सागर शर्मा व मनोरंजन डी ने पुलिस के सामने कबूल किया है कि गैलरी में न तो उनको कोई देख रहा था और न ही वह सीसीटीवी कैमरों की जद में थे। जबकि उनको देश का अपनी तरफ ध्यान खींचना था। ऐसे में हंगामा करने के लिए वह संसद भवन में कूद गए। सुर्खियों व कैमरों में आने लिए वह संसद के अंदर टेबलों पर छलांग लगाते रहे। दोनों आरोपियों ने यह बातें दिल्ली पुलिस व खुफिया विभाग की संयुक्त पूछताछ में बताई हैं। उधर, संसद भवन के गेट नंबर-2 पर लगे डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) भी जांच के दायरे में है। पुलिस अधिकारियों की मानें तो डीएफएमडी 10-15 साल पुराना है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी विजिटर गैलरी में ही हंगामा करना चाहते थे, मगर विजिटर गैलरी में न तो उन्हें कोई देख रहा था और न ही कैमरों की जद उन तक थी। वह विजिटर गैलरी में काफी देर बैठे रहे। इसके बाद वह संसद भवन में कूद गए। आरोपियों का कहना है कि कैमरों में आने के लिए वह संसद भवन में कूदे थे। एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नए संसद के गेट नंबर दो पर लगा डीएफएम 10-15 साल पुराना है। ऐसे में डीएफएम स्मोट स्टिक (स्मोक केन) को पकड़ नहीं पाया था। ऐसे में माना जा रहा है कि डीएफएम ठीक से काम नहीं कर रहा था।
इस अधिकारी का कहना है कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि नई संसद में पुरानी संसद भवन के डीएफएम को ही लगा दिया था। ऐसे में सर्चिंग-फिगिंग ठीक से नहीं हो रही थी। इस कारण डीएफएमडी भी जांच के दायरे में आ गया है। सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार नई संसद भवन में चेहरे की पहचान कर पकड़ने वाले नए कैमरे लगाए हैं।
दिल्ली व बाहर किसी भी आंदोलन में भाग नहीं लिया
संसद भवन के अंदर स्मोक केन चलाने वाले सागर शर्मा व मनोरंजन डी ने खुलासा किया है कि उन्होंने दिल्ली व दिल्ली से बाहर अन्य राज्य में न तो किसी आंदोलन और न ही किसी धरने में भाग लिया है। आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा है कि वह किसी आंदोलन में भाग लेने की बजाय ऑनलाइन देखते थे। हर आंदोनल व धरना-प्रदर्शन को वह ऑनलाइन देखते थे। इसके बाद ही वह अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाते।