कोटद्वार-पौड़ी

कोटद्वार में नमामि गंगे के तहत सीवरेज व्यवस्था सुधारने को बनाएं कार्य योजना

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विधानसभा अध्यक्ष एवं कोटद्वार विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण ने परियोजना के अधिकारियों के साथ की बैठक
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार/देहरादून : राज्य में नमामि गंगे परियोजना से जुड़े कार्यों की समीक्षा के लिए उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने नमामि गंगे एवं राज्य परियोजना प्रबंधन समूह (एसपीएमजी) के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने खासतौर पर कोटद्वार में नमामि गंगे के तहत सीवरेज व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अधिकारियों से चर्चा करते हुए इस संबंध में कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
विधानसभा भवन देहरादून में आयोजित बैठक में नमामि गंगे से दिल्ली के अधिकारी एवं एसपीएमजी के राज्य के सभी अधिकारी मौजूद रहे। विधानसभा अध्यक्ष ने बैठक में राज्य में चल रही नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा की। साथ ही गोमुख से लेकर हरिद्वार तक गंगा किनारे के 15 शहरों एवं रामनगर की कोसी नदी में सीवरेज शोधन सयंत्र व नालों की टैपिंग से जुड़े कार्यों की विस्तार से जानकारी ली। साथ ही नई योजनाओं के संबंध में भी अधिकारियों के साथ चर्चा की। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि उत्तराखंड राज्य में 16 शहरों में 23 स्वीकृत योजनाओं में से 19 योजनाएं पूर्ण की जा चुकी है, जबकि 4 योजनाओं पर कार्य गतिमान है। इन योजनाओं के अंतर्गत 57 एमएलडी के 6 एसटीपी प्लांट का उच्चीकरण किया गया है एवं 170 एमएलडी क्षमता के 43 नए एसटीपी प्लांट में से 137 एमएलडी के 33 एसटीपी प्लांट का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। 10 एसटीपी प्लांट पर निर्माण कार्य प्रगति पर है। प्रस्तावित 280 टेप किए जाने वाले नालों में से 204 प्रदूषित नालों को टैप किया जा चुका है। इन परियोजनाओं के तहत एसटीपी का कार्य व एसटीपी के उच्चीकरण का कार्य, नालों की टैपिंग, स्नान व श्मशान घाट का निर्माण के कार्य शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक 20 करोड़ लीटर गंदे पानी में से 16 करोड़ लीटर गंदे पानी को स्वच्छ करने की क्षमता उत्पन्न कर दी गई है एवं 184 किलोमीटर में से 170 किलोमीटर सीवर लाइन बिछ चुकी है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट बताती है कि गोमुख से लेकर ऋषिकेश तक गंगा के पानी की गुणवत्ता उत्तम है। हरिद्वार में भी गंगा के पानी का स्तर सुधरा है। इस सबको देखते हुए प्रदेश सरकार ने गंगा की अन्य सहायक नदियों को भी साफ-सुथरा बनाने के मद्देनजर केंद्र में दस्तक दी। इसी कड़ी में कुमाऊं मंडल के ऊधमसिंह नगर जिले में छह नदियों से लगे क्षेत्रों की कार्ययोजना को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नमामि गंगे योजना के अंतर्गत छोटे शहरों एवं कस्बों पर काम करने की आवश्यकता है। क्योंकि कुछ शहरों में एसटीपी प्लांट नहीं है और यदि हैं तो कम क्षमता के हैं, जिनका उच्चीकरण किया जाना आवश्यक है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जिन शहरों में सीवरेज की समस्या अधिक है उन शहरों के लिए प्रस्ताव बनाए जाएं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि एसटीपी प्लांट एवं घाटों के निर्माण के बाद उनकी देखरेख, मेंटेनेंस एवं मॉनीटरिंग करना भी अति आवश्यक है। अधिकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष को आश्वस्त करते हुए कहा कि दी गई समय सीमा पर कोटद्वार शहर के लिए नदियों पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, घाटों के निर्माण एवं सीवरेज की समस्या को दूर किए जाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
इस अवसर पर कार्यकारी निदेशक (परियोजना) राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन हिमांशु बडोनी, निदेशक राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, नई दिल्ली डॉ. प्रवीण कुमार, स्टेट हेड उदित राज, प्रमुख अभियन्ता सिंचाई विभाग मुकेश मोहन, महाप्रबन्धक (गंगा) उत्तराखंड नीलिमा गर्ग, तकनीकी सलाहकार (एसपीएमजी) नमामि गंगे नमिता त्रिपाठी, महाप्रबन्धक, निर्माण मंडल (गंगा) हरिद्वार दीपक मलिक, पर्यावरण विशेषज्ञ (एसपीएमजी) नमामि गंगे अक्षय कुमार, आरएफडी विशेषज्ञ पीयूष कुमार सिंह, परियोजना प्रबंधक, वाप्कोस लि०, हरिद्वार अंकुर सिंह, उत्तराखंड जल संस्थान से मनीष सेमवाल मौजूद रहे।

सुखरौ, मालन व खोह नदी में गिरने वाले नालों को टेप करने के लिए बनाएं कार्य योजना
विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों को कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सुखरौ, मालन एवं खोह नदी में गिरने वाले नालों को टेप किए जाने के लिए कार्य योजना बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अब जबकि सहायक नदियों पर भी केंद्र सरकार द्वारा नमामि गंगे योजना के तहत कार्य किया जा रहा है तो कोटद्वार में भी सहायक नदियों पर रिवरफ्रंट, घाटों का निर्माण, बाढ़ सुरक्षा योजना, नालों की टेपिंग के लिए 15 दिन के अंदर कार्य योजना बनाई जाए। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश की सीमा पर बने एसटीपी प्लांट का निरीक्षण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इस एसटीपी प्लांट का निरीक्षण कर कोटद्वार शहर के नालों को इससे जोड़ने की भी कार्ययोजना तैयार की जाए, जिससे कि शहर में सीवर की समस्या का समाधान हो सके।

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