उत्तराखंड

मटियोली के ग्रामीणों ने किया मतदान का बहिष्कार

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बागेश्वर। रोड नहीं तो वोट नहीं समेत विभिन्न मांगों को लेकर इस बार जिले में लोकसभा चुनाव से पहले करीब पांच गांव के लोगों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया। बाद में लोनिवि, ऊर्जा निगम तथा स्वीप की टीम ने चार गांव के लोगों को मतदान के लिए मना लिया, लेकिन दफौट क्षेत्र के मटियोली गांव के लोग सड़क निर्माण व डेढ़ किमी डामरीकरण की मांग पर अडिग रहे। उन्हें प्रशासन व स्वीप की टीम भी नहीं मना पाई। मतदान के दिन 508 मतदाताओं में से उनके बूथ पर किसी ने भी वोट नहीं डाला। अंतिम दिन भी लोनिवि व स्वीप की टीम उन्हें मनाने गांव गई, लेकिन ग्रामीण नहीं माने। प्रावि मटियोली केंद्र में मटियोली व ताछनी गांव के लोगों के वोट पड़ते हैं। गुरुवार की देर शाम यहां मतदान कर्मी पहुंच गए। उन्होंने शुक्रवार की सुबह पांच बजे मक पोल किया, लेकिन उसके बाद एक भी ग्रामीण मतदान करने के लिए नहीं आए। इस बात की भनक जब प्रशासन को लगी तो उन्होंने लोनिवि व स्वीप की टीम को गांव में भेजा। दोनों टीमें करीब दो घंटे तक गांव में रही। ग्रामीणों ने मतदान करने तथा लोकतंत्र मजबूत करने की बात करते रहे, लेकिन ग्रामीण नहीं माने। उन्होंने कहा जब उनकी मांग नहीं मानी जाएगी वह किसी भी चुनाव में भाग नहीं लेगे। उन्हें मनाने के लिए स्वीप के सहायक नोडल अधिकारी कैलाश चंदोला, ललित जोशी तथा लोनिवि के एई डीसी जोशी गए। उन्होंने वास्तविक स्थिति से ग्रामीणों को अवगत कराया। डामरीकरण के मामले में आए विवाद को जल्द सुलझा लिया जाएगा, लेकिन ग्रामीण अभी समस्या के समाधान की मांग पर अड़े रहे। ग्राम प्रधान प्रदीप पांडेय ने बताया कि इस बूथ पर तल्ला, मल्ला मटियोली के अलावा ताछनी व नायल चमोली तोक के लोगों का मतदान होना था। यहां 508 मतदाता हैं। स्वीप के चंदोला ने बताया कि बूथ पर सिर्फ आठ ईडीसी मत पड़े। इससे पहले तीन बुजुर्ग व दिव्यांगों ने घर-घर मतदान के जरिये मतदान किया है।

 

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