राज्य आयकर आयुक्त के साथ हुई व्यापारियों की बैठक, गलत ढंग से टैक्स वसूलने का मुद्दा उठाया
देहरादून। प्रदेश उद्योग एवं व्यापार मंडल समिति ने राज्य आयकर आयुक्त के समक्ष वैट अधिनियम के तहत व्यापारियों से गलत ढंग से टैक्स वसूलने का मुद्दा उठाया। कहा कि व्यापारियों ने जिस सामान पर जीएसटी का भुगतान किया, उसी पर आयकर विभाग ने वैट भी लगा दिया। इससे व्यापारियों को आर्थिक क्षति हो रही है। शनिवार को आयकर आयुक्त कार्यालय में राज्य आयकर आयुक्त डा. अहमद इकबाल के साथ व्यापारियों की बैठक हुई। इस दौरान प्रदेश उद्योग एवं व्यापार मंडल समिति के अध्यक्ष विनय गोयल ने राज्य आयकर आयुक्त के समक्ष व्यापारियों का पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल से 30 जून 2017 तक प्रदेश में वैट अधिनियम लागू था। इसके बाद एक जुलाई 2017 से जीएसटी अधिनियम लागू हो गया। सभी व्यापारियों ने 30 जून 2017 को अपने अंतिम स्टाक पर जीएसटी का भुगतान कर दिया। बाद में अधिकारियों ने उसी स्टाक पर वैट की वसूली के लिए व्यापारियों को नोटिस थमा दिए।
व्यापारियों ने कहा कि जीएसटी अधिनियम लागू किए जाते समय अंतिम स्टाक के लिए ट्रांस-एक फार्म भरने की अनिवार्यता थी, लेकिन जीएसटी अधिनियम नया होने के कारण इसके बारे में व्यापारियों को बहुत अधिक जानकारी नहीं थी। इसीलिए अधिकांश व्यापारियों ने अंतिम स्टाक से संबंधित ट्रांस-एक फार्म नहीं भरा है। इसी का खामियाजा व्यापारियों को दोहरे टैक्स के रूप में भुगतना पड़ा।
उधर, इस संबंध में राज्य कर आयुक्त डा. अहमद इकबाल ने स्पष्ट किया कि दोहरा टैक्स किसी भी व्यापारी पर नहीं लगाया जाएगा। इस बारे में उन्होंने अधीनस्थ अधिकारियों को भी निर्देशित किया। बताया कि 30 जून 2017 को अंतिम स्टाक पर वैट लिए जाने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि उस पर जीएसटी अधिनियम के अंतर्गत व्यापारी भुगतान कर चुके हैं। अगर बहुत आवश्यक है तो व्यापारियों से इस संबंध में शपथ पत्र लिया जा सकता है। बैठक में प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल समिति के प्रदेश संयोजक राजेंद्र गोयल, गढ़वाल प्रभारी विनोद गोयल, महानगर देहरादून उपाध्यक्ष महावीर प्रसाद गुप्ता, महानगर महामंत्री विवेक अग्रवाल, आयकर विभाग के अतिरिक्त आयुक्त विपिन चंद्रा, संयुक्त आयुक्त अनिल ङ्क्षसह, प्रमोद जोशी आदि मौजूद रहे।