उत्तराखंड

घरों-मंदिरों में की गई मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना

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रुद्रपुर। चौत्र नवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। घरों-मंदिरों में माता के जयकारों की गूंज से वातावरण भक्तिमय हो गया। भक्तों ने माता रानी के दरबार में माथा टेक आशीर्वाद लिया। नवरात्र में रोजाना काफी संख्या में श्रद्घालु मां दुर्गा के विविध स्वरूपों के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं। आदि शक्ति मां दुर्गा की आराधना के लिए आज गुरुवार सुबह से ही अटरिया, दुर्गा माता, मां वैष्णो, लक्ष्मी नारायण, मां चौमुंडा मंदिर आदि में पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्घि की कामना की। इसके बाद शाम को घरों व मंदिरों में दुर्गा चालीस और दुर्गा आरती की गई। मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्द्धचंद्र बना हुआ है, जिस वजह से भक्त मां को चंद्रघंटा कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि मां ने अपने भक्तों के दुखों को दूर करने के लिए हाथों में त्रिशूल, तलवार और गदा रखा हुआ है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां चंद्रघंटा को राक्षसों का वध करने वाली कहा जाता है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को सिंदूर, अक्षत, धूप, पुष्प अर्पित किए गए।

 

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