कण्वाश्रम पुल से शुरू हुई स्कूल वाहनों की आवाजाही
मालन नदी का पुल ढहने के बाद प्रशासन ने बनाई योजना
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : मालन नदी का पुल ढहने के बाद शिक्षा व्यवस्था पर इसका प्रभाव न पड़े इसके लिए प्रशासन ने सोमवार से कण्वाश्रम पुल से स्कूली वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी है। विद्यालय प्रबंधक प्रशासन से लगातार पुल को स्कूली बसों के लिए खोलने की मांग उठा रहे थे।
13 जुलाई को मालन नदी का पुल ढहने के बाद बच्चों को स्कूल तक पहुंचाना भी एक चुनौती बन गई थी। हालांकि विद्यालय प्रबंधन वैकल्पिक मार्ग से बसों का संचालन करवा रहा था। लेकिन, कण्वाश्रम पुल पर बसों के आवागमन की इजाजत नहीं मिलने के बार बच्चों को एक छोर से दूसरे छोर तक पैदल ही चलना पड़ रहा था। साथ ही विद्यालय को भी पुल के दोनों छोरों पर अलग-अलग बसें खड़ी करनी पड़ रही थी। लगातार बढ़ रही समस्या के बाद विभिन्न विद्यालयों के प्रबंधक व शिक्षक उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार से मिले व कण्वाश्रम पुल पर स्कूल बसों की आवाजाही शुरू करने की मांग की। उनका कहना था कि पुल टूटने के बाद से हल्दूखाता पट्टी क्षेत्र के विद्यार्थी मोटाढाक व सुखरो पट्टी के विद्यालयों में नहीं आ पा रहे हैं। साथ ही इस ओर से विद्यार्थी भी दूसरी ओर नहीं जा पा रहे हैं, जिससे उनकी पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इस पर उपजिलाधिकारी ने सुबह साढ़े पांच बजे से आठ बजे तक और पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे से दोपहर तीन बजे तक पुल से स्कूल बसों के आवागमन को अनुमति प्रदान की। साथ ही लोक निर्माण विभाग को पुल के दोनों ओर बैरियर बनाने के भी निर्देश दिए, जिससे ट्रक जैसे भारी वाहन पुल से न गुजरे। रविवार को वैरियर बनने के बाद पुल को स्कूली बसों के लिए खोल दिया गया।