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मुआवजे को लेकर दर-दर भटक रहा परिवार

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चमोली। जोशीमठ विकासखंड के जुआग्वाड़ गांव में विद्युत लाइन के शार्ट सर्किट के चलते जले आवासीय भवन के मुआवजे को लेकर परिवार दर-दर भटक रहा है। एक माह का लंबा समय बीत जाने के बाद भी मुआवजे को लेकर ऊर्जा निगम चैन की नींद सोया हुआ है। जिलास्तरीय अधिकारियों की ओर से भी कार्रवाई न किए जाने के बाद अब भुक्तभोगी ने ऊर्जा सचिव को शिकायती पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। जुआग्वाड़ गांव में 19 अक्टूबर को ऊर्जा निगम की विद्युत लाइन पर शार्ट सर्किट के बाद जंगल में आग लग गई थी। आग की चपेट में आने के कारण जुआग्वाड़ निवासी रुद्र सिंह राणा का आवासीय भवन पूरी तरह जलकर खाक हो गया। फिलहाल यह परिवार गोपेश्वर के निकट किराए के भवन पर रह रहा है। इस अग्निकांड में 12 लाख से अधिक का नुकसान हुआ। ग्रामीणों की शिकायत थी कि ऊर्जा निगम ने विद्युत तारों को पोल पर कम ऊंचाई पर टांग दिया था। इसकी शिकायत पहले भी ऊर्जा निगम से की गई। हालांकि आग लगने के बाद जब ऊर्जा निगम की टीम निरीक्षण के लिए गई, उसी दौरान अपनी लापरवाही को छिपाने के लिए तारों को पोल पर सही स्थान पर लगा दिया गया। आग से आवासीय भवन जलकर खाक होने के साथ ही हथकरघा सामग्री, ऊनी चरखा, बिस्तर, कपड़े, कृषि औजार समेत अन्य वस्तुएं भी जलकर खाक हो गई थी। भुक्तभोगी रुद्र सिंह राणा का कहना है कि इस संबंध में ऊर्जा निगम के एसडीओ, उपजिलाधिकारी जोशीमठ, जिलाधिकारी चमोली समेत कई जगह ज्ञापन दिए गए, परंतु किसी भी स्तर से उन्हें राहत नहीं मिली है। उन्होंने ऊर्जा सचिव को ज्ञापन भेजकर बताया कि यदि विद्युत लाइन पोल पर सही जगह बिछाई गई होती, तो इस नुकसान से बचा जा सकता था। बताया कि अब ऊर्जा निगम अपनी लापरवाही को छिपाने की कोशिश में जुटा हुआ है। उन्होंने बताया कि आग लगने से उनके आवासीय भवन के अलावा गांव के भरत सिंह, मदन सिंह की संयुक्त गौशाला भी जलकर खाक हो गई थी। मामले में राजस्व पुलिस ने मौका मुआयना भी किया है। ग्राम प्रधान मानवेंद्र राणा ने भी ऊर्जा निगम की लापरवाही पर कार्रवाई करने व मुआवजे की गुहार लगाई है। युवक मंगल दल अध्यक्ष प्रदीप राणा का कहना है कि चार वर्ष पूर्व ऊर्जा निगम ने गांव के लिए विद्युत लाइन बिछाई। मगर तारों का स्पान अत्याधिक होने के कारण पहले भी कई बार शार्ट सर्किट जैसी घटना घट चुकी है।

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