नवरात्र के समापन पर की विश्व कल्याण की कामना
नईटिहरी। चैत्र नवरात्र के समापन अवसर पर सिद्धपीठ चन्द्रवदनी सहित अन्य शक्तिपीठों में हवन मे पूर्णाहुति के बाद भक्तों को हरियाली वितरित की गयी। इस अवसर पर देवी का स्वरूप मानते हुए कन्याओं का पूजन कर उन्हें प्रसाद व चुनरी भेंट की गयी। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने कोरोना से रक्षा के लिए मां दुर्गा से प्रार्थना की। बुधवार को चैत्र नवरात्र के समापन के मौके पर नौ दिन तक व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं ने व्रत का परायण करते हुए सभी के लिए मंगल कामनाएं की। क्षेत्र के भुवनेश्वरी, करणा देवी, मंगला माता, चमराड़ा देवी आदि मंदिरों में नवरात्र के नवें दिन मां सिद्धिदात्री का पूजन किया गया। देवी मंत्रों के साथ यज्ञ में आहुतियां देते हुए ब्राहमणों ने विश्व कल्याण की कामना की। वहीं भगवान श्रीराम की तपस्थली देवप्रयाग में रामनवमी पर्व पर श्रद्धालुओ ने रामकुंड व संगम पर स्नान कर भगवान रघुनाथ के मंदिर मे पूजा अर्चना की। परंपरानुसार भगवान की उत्सव मूर्ति मंदिर के बाहर छत्री में रखी गयी। जहां तीर्थपुरोहित समाज ने नवरात्र की हरियाली घरों से लाकर भगवान को समर्पित कर स्वस्थ व सुखी जीवन का आशीर्वाद लिया। इस मौके पर कई क्षेत्रों से श्रद्धालु देवी देवताओं के निशान लेकर संगम पर गंगा स्नान को भी पहुंचे। उधर श्री रघुनाथ मंदिर मे आयोजित नौ दिवसीय वाल्मीकि रामायण का भी भगवान राम के सुमधुर भजनो के साथ समापन हुआ। कथा व्यास आचार्य रजनीश महाराज ने कहा सभी संकट राम नाम से दूर हो जाते हैं। बड़े पुण्य से ही गंगा तट स्थित भगवान राम की तपस्थली देवप्रयाग में राम कथा कहने व सुनने का सौभाग्य मिलता है। कोरोना महामारी के मद्दे नजर कई देवी मंदिरो मे आयोजित भंडारो को रद्द भी किया गया। सरकार की ओर से मंगलवार को जारी नई गाइड लाइन के चलते नवरात्र का समापन अधिकांश मंदिरो में संक्षिप्त रूप मे किया गया।