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नवाज शरीफ की कोर्ट में पेशी, तोशाखाना मामले में मिली जमानत; पंजाब की अंतरिम कैबिनेट से भी राहत

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इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ मंगलवार को भ्रष्टाचार के मामलों के सिलसिले में एक स्थानीय कोर्ट में पेश हुए। तीन बार के प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख 73 साल के नवाज शरीफ चार साल के स्व-निर्वासन के बाद शनिवार को लंदन से पाकिस्तान लौटे हैं। अब शरीफ के खिलाफ अदालती मामलों पर फिर से सुनवाई शुरू होगी। यह उनकी अनुपस्थिति की वजह से रुकी हुई थी।
नवाज शरीफ इस्लामाबाद स्थित न्यायाधीश मुहम्मद बशीर की जवाबदेही अदालत में पेश हुए। कोर्ट ने चार साल बाद पाकिस्तान वापसी सुनिश्चित करने के लिए तोशाखाना मामले में उनकी गिरफ्तारी के आदेश को निलंबित कर दिया था। अब यह दिखाने के लिए उपस्थिति महत्वपूर्ण थी कि शरीफ ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है। कोर्ट ने उनकी मौजूदगी के बाद शरीफ को जाने की अनुमति दे दी।
बशीर वही न्यायाधीश हैं, जिन्होंने शरीफ को एवेनफील्ड मामले में दोषी ठहराया था। कोर्ट ने शरीफ के गिरफ्तारी वारंट को मंगलवार तक के लिए निलंबित कर दिया था। इस मामले में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता आसिफ जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी भी सह-आरोपी हैं। शरीफ को मंगलवार को ही एवेनफील्ड और अल-अजीजिया मामलों में इस्लामाबाद हाईकोर्ट में भी पेश होना है।
इस बीच पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की अंतरिम कैबिनेट ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के संस्थापक नवाज शरीफ को अल-अजीजिया केस में मिली सजा को रद्द कर दिया है। अल-अजीजिया मिल्स केस में नवाज शरीफ को सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी। 2019 में जेल में रहने के दौरान शरीफ की तबीयत बिगड़ गई थी। जिस पर लाहौर हाईकोर्ट ने इलाज के लिए नवाज शरीफ को विदेश जाने के लिए जमानत दे दी थी। उसके बाद से ही नवाज लंदन में थे।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूर्व पीएम और मुस्लिम लीग नवाज के अध्यक्ष नवाज शरीफ बीते कई सालों से ब्रिटेन में स्व-निर्वासित जीवन जी रहे थे। 21 अक्तूबर को ही वे हाईकोर्ट से सुरक्षात्मक जमानत मिलने के बाद नवाज शरीफ पाकिस्तान लौटे।
गौरतलब है कि नवाज एवनफील्ड और अल-अजीजिया मामले में दोषी ठहराए गए थे। पाकिस्तान लौटने पर उनके गिरफ्तार होने की आशंका थी। हालांकि, इन मामलों में उन्होंने कोर्ट में आत्मसमर्पण करने से पहले सुरक्षात्मक जमानत देने की मांग की थी और याचिका में मांग की गई थी। ऐसे में हाईकोर्ट ने नवाज शरीफ को 24 अक्तूबर तक सुरक्षात्मक जमानत दे दी लेकिन ये भी चेतावनी दी कि अगर नवाज शरीफ तय तारीख पर कोर्ट में पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ फिर से गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा सकता है। अब पंजाब कैबिनेट ने एक मामले में उनकी सजा को ही रद्द कर दिया है।
नवाज शरीफ को साल 2020 में तोशाखाना के वाहन मामले में भी नियमों के उल्लंघन का आरोपी माना था। शरीफ पर आरोप है कि उन्होंने तोशाखाना से एक लग्जरी कार सिर्फ 15 फीसदी कीमत देकर ली थी। अब भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने इस मामले में शरीफ के खिलाफ वारंट खारिज कर दिया है।

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