उत्तराखंड

नई शिक्षा नीति से खुलेगी छात्रों के भविष्य की राह : कंचन

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रुद्रपुर। एससीआरटी की संयुक्त निदेशक और एनसीईआरटी की सदस्य कंचन देवराड़ी ने कहा कि नई शिक्षा नीति से छात्रों के भविष्य की राह आसान होगी और शिक्षकों के मार्गदर्शन के लिए भी बेहतरी होगी। एनसीईआरटी की पुस्तकें अभी पूरी तरह नहीं आ सकी हैं अभी बोर्ड परीक्षाएं चल रही थीं, जल्द स्कूलों में मिल जाएंगी। बीआरसी में एक कार्यक्रम में आई संयुक्त निदेशक ने बातचीत के दौरान बताया कि सरकार की नई पलिसी का उद्देश्य शिक्षा का सार्वभौमिकरण कर वैश्विक ज्ञान को महाशक्ति बनाना है। बताया कि यह 1968 और 1986 के बाद यह तीसरी शिक्षा नीति है। नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे जैसे कि शिक्षा की विभिन्न धाराओं के बीच पारंपरिक रेखाओं को हटाया जाएगा। नई पीढ़ी के छात्रों को अधिक शिक्षा समग्र प्रदान किया जाएगा। जिससे कि छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान की जा सकेगी। इस शिक्ष नीति को चरणबद्घ तरीके से लागू किया जाएगा। इस नीति के तहत बच्चों की क्षमता की पहचान एवं क्षमता का विकास करने के साथ साक्षरता एवं संख्यात्मकता के ज्ञान को बच्चों के तहत विकसित करना, शिक्षा को लचीला बनाने के साथ ही गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का विकास करना भी नीति को मजबूत बनाती है। उन्होंने बताया कि इससे बच्चों में सुशासन और शिक्षा नीति में पारदर्शिता भी आएगी। एक सवाल पर बताया कि एनसीईआरटी की सदस्य होने के नाते कोशिश है कि हर बच्चे के हाथ में एनसीईआरटी की पुस्तकें पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। अभी बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो गई थी इसलिए यह पुस्तकें उन तक नहीं पहुंच सकी है। प्रयास रहेगा कि हर बच्चे तक शिक्षा की एनसीईआरटी की पुस्तकें पहुंच सकें। इस दौरान उनके साथ ड. गुंजन अमरोही और अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।

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