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निजीकरण के विरोध में बैंकों में लटके रहे ताले, कोटद्वार में धरना-प्रदर्शन

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। सोमवार से दो दिवसीय हड़ताल बैंक कर्मियों ने शुरू कर दी है। सुबह दस बजे बैंक पहुंचते ही कर्मचारियों ने गेट के बाहर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए। शहर में बैंक शाखाओं में कामकाज नहीं हुआ और ग्राहक बैरंग लौटने को मजबूर हुए। कर्मचारियों ने कहा कि बैंक कर्मचारी सरकारी बैंकों का निजीकरण नहीं होने देंगे और पूरी तरह संघर्ष करेंगे। कर्मचारियों ने केन्द्र सरकार से जनहित एवं देशहित में बैंकों का निजीकरण न करने की मांग की।
यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस 15 और 16 मार्च को दो दिवसीय हड़ताल का एलान किया था। सभी बैंकों के कर्मचारी निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत सोमवार की सुबह देवी रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के बाहर बैंक कर्मी एकत्रित हुए। इसके बाद कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इस अवसर पर कर्मचारियों ने कहा कि देश की आम जनता को फायदा पहुंचाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा 1969 में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया, लेकिन वर्तमान की केन्द्र सरकार बैंकों का निजीकरण करके देश की जनता के साथ-साथ बैंक कर्मियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय कर रही है। जिसे बैंक कर्मी कभी भी स्वीकार नहीं करेगें। उन्होंने कहा कि 1969 के बाद राष्ट्रीयकृत बैंकों ने देश के विकास में सदैव महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरकार द्वारा समय-समय पर जारी विभिन्न जन कल्याण कारी योजनाओं को लागू कर देश की आम जनता को लाभ पहुंचाने का काम किया, लेकिन वर्तमान केन्द्र सरकार ने उन बैंकों का विलय सरकारी बैंकों में करके जनता के पैसों को सुरक्षित रखने का काम किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार बैंकों का निजीकरण कर देगी तो देश की जनता का पैसा सुरक्षित नहीं रह पायेगा। देश की पूरी अर्थव्यवस्था चरमरा जायेगी। प्रदर्शन करने वालों में यूएफबीयू के नगर संयोजक डीपीएस बिष्ट, उत्तरांचल बैंक इम्पलाईज यूनियन के जिला सचिव बीरेन्द्र सिंह रावत, पीएनबीएसए के जिला अध्यक्ष हरजीत सिंह, रमेश नेगी, मदन सिंह असवाल, रचित रावत, राहुल, नरेन्द्र सिंह, मुन्नी देवी, सविता कोटनाला, रमन नेगी, धर्मपाल सिंह, डीएस असवाल, सुरेन्द्र गुसांई, मोहन सिंह, एसएल आर्य सहित अन्य बैंक कर्मचारी शामिल थे।

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