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नीतीश की बीजेपी को दो टूक, बिहार में भाई-चारा, शांति-सौहार्द है, धर्मांतरण कानून की जरूरत नहीं

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नई दिल्ली, एजेंसी। पटना़ बिहार में बीजेपी के साथ गठबंधन में सरकार चला रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून की कोई जरूरत नहीं है। सीएम नीतीश कुमार का कहना है कि बिहार में पूरी तरह एकता है और सभी समुदाय के लोग शांति से एकसाथ रह रहे हैं। वहीं सीएम नीतीश के इस बयान से कुछ दिनों पहले गठबंधन पार्टनर भाजपा के फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में धर्मांतरण विरोधी कड़े कानून की मांग उठाई थी। इसके अलावा भी भाजपा के कई नेता कानून को बनाने की मांग करते आए हैं, लेकिन सीएम नीतीश के इस बयान ने साफ कर दिया है कि जेडीयू अपनी गठबंधन साथी भाजपा के इस एजेंडे में सहमती नहीं रखती है।
सीएम नीतीश कुमार ने एक पत्रकार के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि जिस राज्य में सरकार अलर्ट है और सभी धर्म के लोग शांति से रह रहे हैं, वहां धर्मांतरण विरोधी कानून की कोई जरूरत नहीं है। वहीं हिंदुओं के धर्म बदलने के कुछ मामलों की रिपोर्ट्स को लेकर सीएम नीतीश ने कहा कि इस मामले में सरकार पूरी तरह अलर्ट है। बिहार में समुदायों के बीच कोई झगड़ा नहीं है। सभी तरह की आस्था वाले लोग शांति से रह रहे हैं। उनके लिए कोई परेशानी नहीं है। हमने अपना काम कुशलता से किया है। इसलिए यहां इस तरह के कदम की जरूरत नहीं है। सरकार की सतर्कता ने सुनिश्चित किया है कि राज्य में कोई सांप्रदायिक तनाव न हो।
बिहार की सियासत से केंद्र तक पहुंचने वाले मोदी सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह हाल ही में जब बिहार बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति में शामिल हुए थे तो उन्होंने यूपी, हरियाणा जैसे अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी धर्मांतरण विरोधी कड़ा कानून बनाने की मांग की थी। साथ ही बिहार के बेगुसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने कहा था कि अल्पसंख्यक शब्द को खत्म कर देना चाहिए। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि अब मुसलमानों को खुद को बहुमत में समझना चाहिए।

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