कोटद्वार-पौड़ी

एनपीएस के विरोध में कर्मचारियों ने मनाया काला दिवस

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। 1 जनवरी 2004 को राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को बंद कर एनपीएस व्यवस्था को लागू किया गया था। जिसके विरोध में समस्त एनपीएस आच्छादित कर्मचारी लामबंद हुए। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर राज्य में पुरानी पेंशन को बन्द किये जाने व एनपीएस योजना को लागू किये के विरोध में शुक्रवार को हजारों राजकीय कर्मचारियों ने काला दिवस मनाया।
कर्मचारियों ने अपने कार्यलयों में काली पट्टी व काला मास्क लगाकर विरोध जताया। सभी कर्मचारियों ने अपने सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर काली रखी। एक साथ 80 हजार कर्मचारियों ने शाम 3 से 6 बजे एनपीएस के विरोध में और पुरानी पेंशन की बहाली के लिए लाखों ट्वीट किये। कर्मचारियो का कहना है 1 जनवरी 2004 को तत्कालीन सरकार ने एनपीएस योजना को लागू कर कर्मचारियों के भविष्य को अंधकार में धकेल दिया। प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी ने कहा कि वर्तमान समय में कर्मचारी संयुक्त मोर्चा राज्य में पुरानी पेंशन की लड़ाई मजबूती से लड़ रहा है। राज्य के इतिहास में पहली बार सम्पूर्ण कैबिनेट कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की पक्षधर हो गयी है। संयुक्त मोर्चा ने व्यक्तिगत रूप से एनपीएस की खामियों से अवगत कराते हुए उन कोरोना शहीदों का वास्ता दिया जो इस एनपीएस योजना के तहत आच्छादित थे और जिन्हें नाम मात्र की धनराशि इस पेंशन योजना के तहत प्राप्त हुई। आशा है कर्मचारियो की इस लगातार उठती मांग को देखते हुए अब सरकार पुरानी पेंशन को लागू करेगी। कर्मचारी सरकार के अंग हैं। अगर सरकार अपने अंगों का ख्याल नहीं रखेगी तो स्वाभाविक है वह कमजोर सिद्ध होगी।
प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि प्रत्येक मांग आग्रह से शुरू होती है और आंदोलन पर खत्म। लेकिन यह मांग तब तक खत्म नहीं होगी जब तक यह लागू नहीं हो जाती। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत के नेतृत्व में लगातार कई राज्यों में इस लड़ाई को लड़ रहा है जहां सफलता प्राप्त होने के आसार हैं। वर्तमान में राज्य और केंद्र दोनो में एक ही सरकार है जिसने अतीत में ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। यह भी कर्मचारियों के जीवन से जुड़ा एक ऐतिहासिक निर्णय सिद्ध होगा। हम अन्य मांगों को पुरानी पेंशन के साथ उलझाकर एक नया विपक्ष नहीं तैयार करना चाहते। हमें एमएलसी/एमएलए के चुनाव नहीं लड़ने हैं लेकिन हम और हमारे परिवार आने वाले चुनावों में वोट जरूर करेंगे। हम कर्मचारी हैं हम अपनी इस एक सूत्रीय मांग को लेकर प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए कुछ भी कर गुजर सकते हैं। इस मौके पर जयदीप रावत, सोहन सिंह नेगी, प्रेमचंद ध्यानी, राकेश रावत, श्रीकृष्ण उनियाल, जसपाल रावत, नरेश भट्ट, भवान सिंह नेगी, कमलेश कुमार मिश्रा, सौरभ नौटियाल, गौरी नैथानी, महेश गिरि, श्री कृष्ण उनियाल, मुकेश बहुगुणा, संजय भाष्कर, दिवेन्द्र डोंडिया, पंकज बिष्ट, अजय रावत आदि मौजूद थे।

एनपीएस को लेकर सरकार जल्द ले निर्णय
प्रदेश महिला उपाध्यक्ष श्रीमती योगिता पंत ने कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली के लिये महिला कार्मिक घरों से निकल कर सड़कों पर आने के लिए तैयार हैं। क्योंकि यह मामला सीधा घरों की आर्थिक स्थिति से जुड़ा है। इसलिए अब आरपार की लड़ाई के लिए हम तैयार है। मंडलीय अध्यक्ष जयदीप रावत ने बताया कि सभी एनपीएस कार्मिक इस अन्याय के खिलाफ हैं। शीघ्र सरकार इस सम्बन्ध में कोई निर्णय ले।

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