उत्तराखंड

श्वैज्ञानिक पत्र लेखनश् विषय पर एक दिनी कार्यशाला

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देहरादून। मन के विचारों को डायरी में लिपिबद्घ कर समय के साथ इन पर कार्य करते रहना चाहिए, जिससे उत्पन्न सोच और इनोवेशन का विस्तार किया जा सके और ज्ञान को विज्ञान में रूपांतरित किया जा सके।
यह विचार कार्यशाला के मुख्य अतिथि उत्तराखंड उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक प्रो ए एस उनियाल ने ‘वैज्ञानिक पत्र लेखन’ विषय पर आयोजित एक दिनी कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में वीरवार को व्यक्त किये। कार्यशाला प्रतिभागियों, शोधार्थियों एवं छात्रों को संबोधित करते हुए प्रोफेसर उनियाल ने कहा कि आपदा को अवसर व इनोवेशन में बदलने की पाइथागोरस की राइट ट्रायंगल थ्योरी हमें सीख देती है। इस पर उन्होंने नील नदी की बाढ़ से किसानों के खेतों को बहने और पुनरूखेतों की माप के संकट से उपजी पाइथागोरस प्रमेय की रोचक कहानी उपस्थित जनों को सुनाई, उन्होंने महाविघालय के बच्चों को जीवन में स्मार्ट बनने का मंत्र भी दिया। इसके लिए उन्होंने सामाजिक सोच, चमत्कारी कार्य, आकर्षण, रिसोर्सफुल एवं समय पाबंद की अनिवार्य शर्तों को उपस्थित जनों के बीच साझा किया। कार्यशाला के प्रमुख प्रशिक्षक के रूप में प्रो अजय सेमल्टी ने ‘वैज्ञानिक पत्र लेखन’ के लिए क्रिटिकल अब्जर्वेशन, स्पष्टता, सरलता, अकादमिक भाषा ज्ञान, शोध पत्र अस्वीकार्यता से सीख का गुण अच्टे पेपर लिखने की अनिवार्य शर्त बताई। उन्होंने प्लेजीरिज्म (साहित्य चोरी) और शोध पत्रों के छपास की प्रवृत्ति से दूर रहने की नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि मात्रात्मक शोध की बजाय हमें गुणात्मक शोध पर केंद्रित रहना चाहिए।
उत्तराखंड जन जागृति संस्थान के अरण्य रंजन ने कहा कि शोध का उद्देश्य जर्नल और पुस्तकालयों की शोभा बढ़ाना नहीं बल्कि स्थानीय समस्याओं के समाधान की ओर केंद्रित होना चाहिए। कार्यशाला में प्रसिद्घ पादप विज्ञानी प्रो जीएस रजवार, प्रो जीके ढींगरा एवं ड़ आशीष रतूड़ी ने भी विषय विशेषज्ञ के रूप में विचार साझा किए। कलेज प्राचार्य प्रोफेसर राजेश कुमार उभान ने जय जवान,जय किसान एवं जय विज्ञान के उदघोष के साथ सभी आगंतुकों का स्वागत किया।
कार्यशाला की संयोजक ड रश्मि उनियाल ने कार्यशाला के उद्देश्य से सभी प्रतिभागियों को अवगत किया। इससे पूर्व नवनिर्वाचित छात्र संघ एवं कालेज की वरिष्ठ प्राध्यापिका ड सपना कश्यप ने मुख्य अतिथि को बैच अलंकरण और पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। इसी क्रम में अन्य विशेषज्ञों प्रो. जीएस रजवार, प्रो. जीके ढींगरा प्रो़ अजय सेमल्टी ड़ आशीष रतूड़ी ,ड. गुरुपद गुसाईं ड़ नौटियाल एवं कालेज प्राचार्य प्रो़ उभान को ड़ विक्रम सिंह बत्र्वाल एवं कालेज प्राध्यापकों द्वारा स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन छात्रा रिया भंडारी ,सूरज एवं प्राध्यापकों में ड संजय महर ड सृचना सचदेवा एवं सोनिया गंभीर ने किया। कार्यशाला की सफलता के लिए रश्मि उनियाल ने सभी प्रतिभागियों तथा कालेज परिवार का आभार प्रकट किया।

 

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