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सैंपलिग में उत्तरकाशी आगे, हरिद्वार और पौड़ी फिसड्डी

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उत्तरकाशी। कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। वहीं प्रदेश के कुछ जिलों में आबादी के अनुपात में कम सैंपलिंग चिंता बढ़ा रही है। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर गढ़वाल मंडल के जिलों में अगर सैंपलिंग की स्थिति देखी जाए तो हरिद्वार और पौड़ी सैंपलिग में फिसड्डी हैं। जबकि, उत्तरकाशी में सबसे अधिक सैंपलिग हुई है। यहां प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने 30 से 35 फीसद तक की सैंपलिग का लक्ष्य रखा है ताकि संक्रमण रोका जा सके।
कोरोना के अधिकतर मामलों में मरीजों में लक्षण प्रदर्शित नहीं हो रहे हैं। ऐसे में सैंपलिग ही सबसे कारगर हथियार है ताकि कोरोना संक्रमितों की पहचान के साथ उन्हें उपचार देने और संपर्क में आए व्यक्तियों की भी जांच हो सके। लेकिन, अगर गढ़वाल मंडल की बात करें तो यहां पौड़ी और हरिद्वार में जनसंख्या के अनुपात में सैंपलिग की रफ्तार काफी कम है। जबकि, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग सैंपलिग में आगे हैं। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित मानते हैं कि उत्तरकाशी में जो कोरोना पजिटिव की संख्या बढ़ी है उसके पीटे अधिक सैंपलिग मुख्य कारण है।

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