ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों की आंखों पर पड़ रहा है असर
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोरोना काल में स्कूल बंद है और ऑनलाइन पढ़ाई से नुकसान हो रहा है। लगातार मोबाइल फोन का प्रयोग करने से बच्चों की सेहत पर असर पड़ रहा है। बच्चों की आंखे कमजोर हो रही है और सिर दर्द हो रहा है। राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार में प्रतिदिन 20 से 25 बच्चे आँखों का उपचार कराने आ रह है। चिकित्सकों के अनुसार बच्चों को लैपटॉप या फोन के बदले डेस्कटॉप का इस्तेमाल करना चाहिए। जिससे बच्चों की आंखों पर अधिक जोर नहीं पड़ेगा। लैपटॉप और मोबाइल आंखों के ज्यादा नजदीक होने से बुरा प्रभाव पड़ रहा है। छोटे बच्चों की तीन से 4 घंटों तक क्लास लगती है। उसके बाद होमवर्क भी मोबाइल पर ही मिलता है।
महामारी के कारण स्कूल बंद होने से बच्चे घरों पर कैद होने में मजबूर हैं। छोटी क्लास से लेकर बड़ी क्लास तक के सभी बच्चों की ऑनलाइन क्लास चल रही है। बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास अटेंड करना अनिवार्य है। सुबह से लेकर शाम तक बच्चे ऑनलाइन ही पढ़ाई करते हैं व बच्चों को पढ़ाई मोबाइल फोन या लैपटॉप की स्क्रीन पर करनी पड़ रही है। इसी की वजह से बच्चों की आंखों पर अब असर दिखना शुरू हो गया है। ऑनलाइन पढ़ाई के बहाने बच्चे मोबाइल फोन पर गेम भी खेल रहे हैं। ऐसे में मां-बाप को भी बच्चों की सेहत का डर सता रहा है। बच्चों के चश्मे का नंबर भी जल्दी बढ़ सकता है। बच्चे चिड़चिड़े भी हो सकते हैं। गर्दन में भी दर्द की शिकायत हो सकती है। मोबाइल ज्यादा से ज्यादा आधा घंटा देखना चाहिए। डाक्टरों का कहना है कि बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई में 20-20 मिनट का गैप होना चाहिए ताकि उनकी आंखों पर बुरा प्रभाव न पड़े।
राजकीय बेस अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों की आँखों पर असर पड़ रहा है। मोबाइल के अधिक प्रयोग से बच्चों की आँखें कमजोर हो रही है। प्रतिदिन अस्पताल में करीब 25 बच्चें आँखों का उपचार कराने आ रहे है। उन्होंने बताया कि संभव हो तो मोबाइल फोन की जगह लैपटॉप इस्तेमाल करें। पढ़ाई के बाद मोबाइल फोन या लैपटॉप का इस्तेमाल न करें। आधे घंटे के अंतराल में दो या तीन मिनट आंखें बंद करें। सुबह और शाम आँखों में पानी के छींटे लगाएं। विटामिन ई युक्त सब्जियां खाएं। भोजन में गाजर, शकरकंद, हरी पत्तेदार सब्जियां, शिमला मिर्च, दूध व ताजे फल शामिल करें। इसके अलावा फल को अपने दैनिक खाने में शामिल करें। जिस कमरे में पढ़ाई कर रहे हैं वहां रोशनी कम या अधिक नहीं होनी चाहिए। जलन होने और पानी बहने पर आंखों को न मलें बल्कि नेत्र रोग विशेषज्ञ से जांच करवाएं। डॉ. ने बताया कि आँखों को स्वस्थ रखने के लिए हरी सब्जी का अधिक से अधिक उपयोग करें।
बच्चों की आंखों में होने लगता है दर्द
कोटद्वार। लालपानी निवासी संगीता का एक बेटा है। जो यूकेजी का विद्यार्थी है। उनका कहना है कि बच्चे को लगातार तीन घंटे मोबाइल पर आँखें टिका कर बैठे रहना भारी पड़ रहा है। एक तो मोबाइल की स्क्रीन छोटी होती है, दूसरा लगातार क्लास लगना मुश्किल हो जाता हैं। रात के समय सोने के वक्त आँखों में दर्द रहने लग पड़ा है। तीन घंटे में ऑनलाइन पढ़ाई करते तंग आ जाता हैं। नगर निगम के वार्ड नंबर दो निवासी सविता की बेटी छठी क्लास में पढ़ती है। सुबह साढ़े 9 बजे बच्चों की ऑनलाइन क्लास शुरू हो जाती है जो 1 बजे तक चलती है। बच्चे को लगातार सात महीने से यह क्लास अटेंड करनी पड़ रही है जिससे उसकी आँखों में सूजन आ जाती है और साथ में चक्कर भी आ जाते हैं। लगातार ऑनलाइन बहुत ही मुश्किल है। इसी तरह विनोद का बेटा दसवीं क्लास में पढ़ता है। सुबह साढ़े 9 बजे से एक बजे तक क्लास लगती है। इतने समय में मोबाइल पर आंखें टिका के रखना मुश्किल तो है लेकिन बच्चें की बोर्ड की क्लास है। पढ़ाई भी बहुत जरूरी है।