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सेना में युवाओं की भर्ती का खुला रास्ता

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नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार ने तीनों सेनाओं में युवाओं को अल्प अवधि सेवा का मौका देने के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा की है जिसके तहत युवाओं को चार साल के लिए सशस्त्र सेनाओं में भर्ती किया जाएगा। हर साल 10वीं और 12वीं पास साढ़े सतरह से 21 वर्ष की आयु के 46000 युवाओं को इस योजना के तहत बतौर अग्निवीर जवान भर्ती किया जाएगा और इन्हें आकर्षक वेतन के साथ एकमुश्त रिटायरमेंट निधि भी दी जाएगी। इस अनोखी योजना के सहारे तीनों सेनाओं का स्वरूप अधिक युवा होगा ओर सैनिकों की औसत उम्र 32 साल से घटकर 26 साल तक पहुंच जाएगी। सेना, नौसेना और वायुसेना लड़कियों को भी अग्निवीर के रूप में भर्ती का उचित मौका देंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति की बैठक में मंगलवार को अग्निपथ योजना को मंजूरी दी गई। तीनों सेनाओं की औसत उम्र के स्वरुप में बदलाव के साथ सशस्त्र बलों में जाने के इच्टुक युवाओं को मौका देने के लिहाज से सरकार का यह बड़ा फैसला है। इसीलिए सीसीएस की बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ प्रेस कांफ्रेंस की और बताया कि भर्ती की प्रक्रिया अगले 90 दिनों में शुरू कर दी जाएगी।
रक्षामंत्री ने पिछले आठ सालों में रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि हमारी सेनाओं को विश्व की बेहतरीन सेना बनाने के लिए अग्निपथ योजना ला रहे है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और साथ ही ये अग्निवीर चार साल की सैन्य सेवा के बाद विशेष स्किल ट्रेनिंग हासिल कर बाहर नौकरी के लिए बेहतर रूप से तैयार होंगे। राजनाथ ने कहा कि कई राज्य सरकारें और केंद्रीय मंत्रालयों में अग्निनवीरों को नौकरी का विशेष अवसर दिया जाएगा और इस बारे में राज्य और महकमे अपनी-अपनी नीतियों का जल्द ही ऐलान करेंगे।
अग्निवीर योजना के तहत किसी विशेष रेजिमेंट की जगह राष्ट्रीय स्तर पर भर्ती की जाएगी। चूकि अग्निवीरों का सेना में चार साल का ही कार्यकाल होगा इसलिए इनकी प्रशिक्षण अवधि भी इसी हिसाब से 10 हफ्ते से लेकर छह महीने तक की ही होगी। अग्निवीरों को पहले साल 4़76 लाख रुपए का सालाना आकर्षक पैकेज मिलेगा और चौथे साल में यह पैकेज 6़92 लाख होगा। पहले साल में अग्निवीर के रुप में भर्ती जवान को हर महीने 30000 रुपए वेतन मिलेगा जिसमें से 30 फीसद हिस्सा यानि 9000 रुपए हर महीने पीएफ की कटौती होगी और सरकार भी इतनी ही राशि का पीएफ अंशदान देगी। अग्निवीर को पूरी कटौती के बाद 21000 रुपए हर महीने हाथ में मिलेंगे। हर साल इसमें 10 फीसद वृद्घि होगी ओर चौथे यानी आखिरी साल में हर महीने 40000 रुपए मिलेंगे और पीएफ में कटौती इसी अनुपात में होगी।
अग्निवीर को रिटायरमेंट निधि के तौर पर चार साल के बाद एकमुश्त 11़71 लाख रुपए सेवा निधि के रूप में मिलेंगे और इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसके साथ ही मुश्किल जगहों पर पोस्टिंग होती है तो सेना के अन्य जवानों की तरह हार्डशिप भत्ता मिलेगा। अग्निवीरों को 48 लाख का बीमा कवर भी मिलेगा और चार साल की सेवा के दौरान मृत्यु होने पर करीब एक करोड़ रुपए का मुआवजा मिलेगा।
वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि वायुसेना में जो अग्निवीर शामिल किए जाएंगे उन्हें हाई स्किल ट्रेनिंग देकर सेवा का मौका दिया जाएगा और चार साल बाद जब वे बाहर जाएंगे तो उनकी यह ट्रेनिंग वैकल्पिक रोजगार में बड़ी सहायक होगी। नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि भविष्य की जंग की चुनौतियों को देखते हुए सेनाएं पुराने ढर्रे पर नहीं चल सकतीं और नई रणनीतिक जरूरतों के अनुरूप ही अग्निवीरों की भर्ती स्कीम शुरू की जा रही है। इस सेनाओं का टैलेंट पुल बढ़ेगा ओर विशेष रुप से आइटीआई प्रशिक्षित युवाओं को नौसेना में मोका मिलेगा।
अग्निपथ योजना के बाद भारतीय सेनाओं में जवानों की औसत उम्र छह-सात साल में घटकर 26 साल हो जाएगी जो अभी औसतन 32 साल है। नौसेना प्रमुख ने कहा कि इन अग्निवीरों को नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों, एयरक्राफ्ट आदि सभी पर तैनात किया जाएगा और महिलाओं की सेलर के तौर पर भर्ती की जाएगी। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि काफी अध्ययन के बाद अग्निपथ योजना भारतीय जरूरतों के अनुरूप लायी गई है। इससे सेना में युवा और अनुभव का बेहतर संतुलन भी होगा।
अल्पकालिक सेवा होने के चलते इससे सेनाओं की क्षमता पर प्रतिकूल सवाल पड़ने की आशंका को खारिज करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि भर्ती मानदंडों में कोई समझौता नहीं किया जाएगा और एक पारदर्शी सघन नियुक्ति प्रक्रिया के तहत अग्निवीरों का चयन किया जाएगा। सेना के खर्चे में कटोती के लिए इस अस्थायी भर्ती स्कीम लाने के सवाल को खारिज करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना को हम बचत करने की नजर से नहीं देखते और जरूरत के हिसाब से सरकार सेना पर अधिक से अधिक खर्च करने को भी तैयार।

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